बिहार में बालू के अवैध खनन से दौलत कमाने वाले अफसरों पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। पिछले दो महीने से आइपीएस अफसर से लेकर बिहार प्रशासनिक और पुलिस सेवा, परिवहन विभाग और राजस्व विभाग के अफसरों के खिलाफ छापेमारी से लेकर प्राथमिकी दर्ज करने और निलंबन तक की कार्रवाई हुई है। ताजा खबर यह है कि बालू के धंधे से अवैध कमाई करने वाले दो सरकारी सेवकों के खिलाफ बिहार और झारखंड के कम से कम चार शहरों में अलग-अलग ठिकानों पर आर्थिक अपराध अनुसंधान ईकाई (ईओयू) का छापा पड़ गया है। ईओयू की टीम ने मंगलवार की सुबह बिहार की राजधानी पटना, झारखंड की राजधानी रांची के साथ ही औरंगाबाद और रोहतास में भी छापा मारा है।

पटना के डीटीओ और बिक्रम के सीओ के खिलाफ कार्रवाई
मिली जानकारी के अनुसार बालू के अवैध खनन मामले में दो अफसरों के ठिकानों पर आर्थिक अपराध इकाई की छापेमारी जारी है। पटना के तत्कालीन एमवीआइ मृत्युंजय कुमार सिंह और बिक्रम के अंचलाधिकारी वकील प्रसाद सिंह के ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है। इन अफसरों के रिश्तेदार भी कार्रवाई की जद में आए हैं। दोनों अफसरों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। एमवीआइ मृत्युंजय कुमार सिंह के पास ज्ञात स्रोत से 500 प्रतिशत से अधिक जबकि सीओ वकील प्रसाद सिंह के पास 84 प्रतिशत से अधिक आय मिलने के प्रमाण अब तक की जांच में हाथ लगे हैं।
इन परिसरों की ली जा रही तलाशी
पटना जिले के बिक्रम प्रखंड के सीओ रहे वकील प्रसाद सिंह के तीन ठिकानों की तलाशी ली जा रही है। उनकी संपत्ति की जांच के लिए पटना (दानापुर) के गोला रोड स्थित सूर्य चंद्र विहार अपार्टमेंट के फ्लैट 202 और रोहतास के बड़डी थाना क्षेत्र के मझुई गांव में छापेमारी हो रही है। इसी तरह पटना के पूर्व एमवीआइ मृत्युंजय कुमार के पटना के गोला रोड के फार्मेसी कालोनी स्थित आरके सदन अपार्टमेंट के फ्लैट में, औरंगाबाद के गोह थानाक्षेत्र के गोलापर गांव स्थित पैतृक गांव और डीटीओ के साले श्रीकांत के रांची के रातू रोड स्थित दो आवासीय परिसर की तलाशी ली जा रही है।
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