ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ईडन गार्डन्स की वह पारी ‘कलाई के जादूगर’ को ‘वेरी वेरी स्पेशल’ बना गया. जी हां! बात हो रही है वीवीएस लक्ष्मण की. जिन्होंने मार्च 2001 में 281 रनों की लाजवाब पारी के लिए खेली थी. 1 नवंबर 1974 को जन्मे लक्ष्मण आज (गुरुवार) 44 साल के हो गए.
16 साल के करियर के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लक्ष्मण का बल्ला हमेशा बोला. लक्ष्मण ने 11,125 इंटरनेशनल रन बनाए, जिनमें से 3,173 रन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रहे. उसी कंगारुओं के खिलाफ अभूतपूर्व 281 रनों की पारी ने उन्हें मशहूर बना दिया. उस पारी से पहले महज 28 का टेस्ट एवरेज रखने वाले लक्ष्मण ने बेदाग दोहरे शतक की बदौलत ऑस्ट्रेलिया के 16 टेस्ट मैचों के विजय रथ को रोका था. राहुल द्रविड़ (180 रन) की लक्ष्मण के साथ फॉलोऑन पारी के दौरान 376 रनों की पार्टनरशिप यादगार रही.
इतना ही नहीं, 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में 148 रनों की बेशकीमती पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई थी. एक बार फिर द्रविड़ के साथ साझेदारी से कंगारुओं को उनके घर में मात मिली. उस दौरान द्रविड़ (233 रन) के साथ लक्ष्मण ने 303 रन जोड़े थे. 2008 में दिल्ली टेस्ट के दौरान लक्ष्मण ने नाबाद दोहरा शतक जमाया. इसके साथ ही वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2000 से ज्यादा रन (2434) बनाने वाले सचिन तेंदुलकर (3630) के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर बन गए.
2010 में मोहाली टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई एक पारी में उन्होंने फिर से साबित कर दिया, आखिर वे ‘वेरी वेरी स्पेशल’ क्यों हैं. 5 अक्टूबर 2010 को मोहाली टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया पर एक विकेट से रोमांचक जीत में लक्ष्मण ने बेशकीमती पारी खेली थी.
उस टेस्ट मैच की चौथी पारी में भारत को जीत के लिए 216 रन बनाने थे. 8 विकेट 124 रनों पर गिर गए थे, लेकिन लक्ष्मण ने एक छोर थामे रखा. इस दौरान उन्हें ईशांत शर्मा और प्रज्ञान ओझा का बेहतर साथ मिला और भारत ने ‘अविश्वसनीय जीत’ हासिल की.
लक्ष्मण ने 134 टेस्ट में 8781 रन और 86 वनडे मैच में 2338 रन बनाए. अपने करियर में 17 टेस्ट और 6 वनडे शतक जमाए. लक्ष्मण को इस बात का जरूर मलाल रहेगा कि वे कभी वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए. लक्ष्मण अपने करियर के पहले वनडे में शून्य पर आउट हुआ और आखिरी वनडे में भी.