नैशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के सब्सक्राइबर्स के लिए अच्छी खबर है। पेंशन फंड रेग्युलेटरी डिवेलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने आंशिक निकासी के नियमों में थोड़ी ढील दी है। नए नियम के तहत पेंशन फंड में तीन साल तक योगदान करनेवाले एनपीएस सब्सक्राइबर्स जमा रकम का 25 प्रतिशत हिस्सा कुछ शर्तों के साथ निकाल सकते हैं।
अब रिहायशी मकान, गंभीर बीमारी के इलाज, उच्च शिक्षा तथा बच्चों की शादी के लिये एनपीएस से कुछ पैसा निकाला जा सकता है। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एक परिपत्र में कहा कि जिन एनपीएस अंशधारकों ने तीन साल तक योगदान दिया है, वे कुछ निर्धारित खर्चों के लिए कुल कोष से 25 प्रतिशत तक राशि निकास सकते हैं। इसमें कहा गया है, ‘अंशधारकों को अपने व्यक्तिगत खाते से कुल योगदान का अधिकतम 25 प्रतिशत निर्धारित उद्देश्य से निकालने की अनुमति होगी।’
अंशधारक योगदान अवधि के दौरान अधिकतम तीन बार धन की निकासी कर सकते हैं। पीएफआरडीए के अनुसार, अंशधारकों को एनपीएस खाते से जिन निर्धारित मकसद के लिए धन निकालने की छूट होगी, उसमें बच्चों की उच्च शिक्षा और शादी शामिल है। रिहायशी मकान या फ्लैट खरीदने के लिए भी निकासी की अनुमति होगी।
सर्कुलर में आगे कहा गया है, ‘अगर अंशधारक के पास पैतृक संपत्ति को छोड़कर व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त नाम पर कोई रिहायशी मकान या फ्लैट है, तो निकासी की अनुमति नहीं होगी।’ इसके अलावा कैंसर, किडनी खराब होने तथा हृदय रोग जैसी बीमारियों के लिये कोष निकाला जा सकता है। एनपीएस सरकार का प्रमुख सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम है। इससे पहले, 10 साल के योगदान से पहले आंशिक निकासी नहीं करने का नियम था।