फेसबुक के नोडल ऑफिसर से जानकारी मिलते ही इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) ने स्थानीय नंद नगरी थाना पुलिस को सूचना दी। ऐसे में पुलिस की त्वरित कार्रवाई से अवसाद ग्रस्त राहुल नाम के युवक की जान बच गई।
फेसबुक और दिल्ली पुलिस की तत्परता से नंद नगरी में अवसाद ग्रस्त राहुल नाम के युवक की जान बचा ली गई। युवक ने फेसबुक पर लाइव आत्महत्या की कोशिश कर रहा था। फेसबुक की टीम को इस संबंध में अलर्ट मिलते ही तुरंत इसकी सूचना अपने नोडल अधिकारी को दी गई। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना दिल्ली पुलिस के आईएफ एसओ यूनिट को दी। वहां से स्थानीय नंद नगरी थाना पुलिस की अवगत कराते हुए त्वरित कार्रवाई करने को कहा गया।
युवती से दोस्ती टूट जाने पर उठाया था ऐसा कदम
एसएचओ ने पहले उस इलाके के बीट ऑफिस को वहां पहुंचने को कहा। कुछ समय में थाने से एसएचओ अपनी टीम के साथ राहुल के घर पहुंच गए। जिससे पास के अस्पताल में उसे भर्ती करा दिया गया। समय पर उपचार मिल जाने पर उसकी जान बच गई। किसी युवती से दोस्ती टूट जाने पर उसने ऐसा कदम उठाया था।
संयुक्त आयुक्त पूर्वी रेंज छाया शर्मा का कहना है कि फेसबुक की टीम अपने साइट को मॉनिटर करती रहती है। जब भी कुछ इस तरह का वीडियो अपलोड किया जाता है और जानमाल को नुकसान पहुंचाने की बात कही जाती है तब उस पर बार-बार अलर्ट आना शुरू हो जाता है। अलर्ट पर नजर पड़ने पर तुरंत इसकी जानकारी नोडल अधिकारी को दिया जाता है। इसी तरह राहुल द्वारा लाइव आत्महत्या करने की कोशिश करने पर अलर्ट आने पर फेसबुक के नोडल अधिकारी ने आईएफएसओ के डीसीपी प्रशांत पी गौतम को मेल और फोन दोनों पर इसकी सूचना दी।
होली के दिन से ही डिप्रेशन में है राहुल
सूचना मिलते ही 27 मार्च को आईएफएसओ के द्वारका यूनिट में तैनात सब इंस्पेक्टर मंजीत सिंह ने नंद नगरी के एसएचओ को सूचित करते हुए बताया कि फेसबुक ने जानकारी दी है कि बी 5/146, नंद नगरी में रहने वाला राहुल नाम का युवक आत्महत्या कर रहा है। उन्हें फेसबुक आईडी से जुड़े दो मोबाइल नंबर भी प्रदान किया गया। पुलिस टीम के घर पहुंचने पर पता चला कि 25 वर्षीय राहुल बेहोशी की हालत में बिस्तर पर पड़ा हुआ है। उसके माता पिता ने पुलिस को बताया कि वह पिछली होली के दिन से ही डिप्रेशन में है। वे लोग उसके डिप्रेशन का इलाज करा रहे हैं।
मंजीत सिंह ने नंद नगरी पुलिस को एक फोटो और वीडियो भी उपलब्ध कराया था जिसमें कई टैबलेट लिए हुए एक हाथ दिखाई दे रहा था। वह हाथ हिलाते हुए कह रहा था कि अलविदा, हमेशा के लिए बस…। आज के बाद कभी आंख न खुले। लिखा हुआ था। डस्टबिन में मिथाइलकोबालामिन, ट्रीपेग 25 और रायफक्साकेयर 400 के पांच खाली रैपर मिले। राहुल ने कुबूला की उसने इन तीनों दवाइयों की 30-40 गोलियां खा ली थी। उसे तुरंत जीटीबी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। वहां से मंगलवार को उसे छुट्टी दे दी गई। नंद नगरी और आईएफएओ द्वारा समय पर कार्रवाई से उसे बचा लिया गया। स्वजन ने पुलिसकर्मियों का आभार व्यक्त किया।