निजी ट्रेनों को चलाने के फैसले पर उठे सवालों के बीच रेलवे ने स्पष्ट किया है कि ये अतिरिक्त ट्रेनें होंगी। इससे हर कोई लाभान्वित होगा। दरअसल लगभग हर मुद्दे पर सरकार को घेर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रेलवे में निजी रेलगाड़ी चलाने का विरोध करते हुए कहा था कि इससे गरीबों की जीवन रेखा छिन जाएगी।
करीब पांच करोड़ यात्रियों को प्रतीक्षा सूची के कारण टिकट नहीं मिल पाया
देश में पिछले साल 2019 में 8.4 बिलियन यात्रियों ने ट्रेनों से यात्रा की है। लेकिन पांच करोड़ यात्रियों को रेलवे की लंबी प्रतीक्षा सूची के चलते यात्रा के लिए टिकट नहीं मिल पाया है। ट्रेनों में ठुंसकर यात्रा करने वाले गरीबों को इससे राहत मिलेगी। चलाई जाने वाली प्राइवेट 151 ट्रेनें भारतीय रेलवे की ट्रेनों के अतिरिक्त होंगी। इन ट्रेनों का संचालन उन्हीं रुटों पर किया जा रहा है, जिन पर यात्रियों का बहुत बोझ है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर निजी ट्रेनें मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बनेंगी। किराया एसी बस और हवाई किराया को ध्यान में रख कर तय किया जाएगा।
निजी ट्रेनों के संचालन के लिए कुल 12 क्लस्टर का चयन
यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्राइवेट ट्रेनों के संचालन से रोजगार बढ़ेगा। इन ट्रेनों के ड्राइवर, गार्ड और स्टेशन मास्टर और अन्य कर्मचारी रेलवे के ही होंगे, जिसके लिए प्राइवेट कंपनियों को भुगतान करना होगा। प्राइवेट ट्रेनों के संचालन के लिए कुल 12 क्लस्टर का चयन किया गया है। इनमें बंगलौर, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली और मुंबई के दो दो क्लस्टर, हावड़ा, जयपुर, पटना, प्रयागराज व सिकंदराबाद प्रमुख हैं।
इन ट्रेनों की रफ्तार होगी 160 किमी प्रति घंटा
इन 109 रुटों पर कुल 151 आधुनिक कोच से लैस ट्रेनें चलाई जाएंगी। इन ट्रेनों की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा होगी। इसके लिए दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता के बीच फिलहाल 130 किमी प्रति घंटे वाले ट्रैक तैयार हैं। इन पटरियों को अगले दो सालों में 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से 160 किमी की रफ्तार में तब्दील कर दिया जाएगा। यादव ने कहा कि प्राइवेट ट्रेन संचालन के क्षेत्र में ढेर सारी कंपनियां उत्सुकता दिखा रही हैं। यादव ने कहा कि प्राइवेट ट्रेन के लिए वित्तीय बोली (फाइनेंशल बिड) 2021 के अप्रैल तक पूरा हो जाएगी। रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशनन को सितंबर 2020 तक फाइनल करने की उम्मीद है।