छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल शैक्षिक संस्थानों के विरुद्ध मनी लांड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब एजेंटों के गिरोह को भी अपने निशाने पर ले लिया है। इस गिरोह ने फिनो पेमेंट्स बैंक के प्लेटफॉर्म पर खाता खोलने की प्रक्रिया का जमकर दुरुपयोग किया। इस तरह लगभग 75 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में बैंककर्मियों और उसके एजेंटों की बड़ी भूमिका सामने आ रही है।
प्रदेश के छह जिलों में 22 स्थानों पर मारे गए ईडी के छापों में फिनो पेमेंट्स बैंक में एजेंटों के माध्यम से तीन हजार से ज्यादा फर्जी खाते खोले जाने की जानकारी सामने आई। साथ ही रवि प्रकाश गुप्ता, मोहम्मद, साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह की एजेंट के रूप में सक्रिय भूमिका का पता चला। अब ईडी की टीमें इन एजेंटों की तलाश में हैं। जांच में यह भी पता चला कि फिनो पेमेंट्स बैंक के प्लेटफॉर्म पर खाता खोलने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया ठीक नहीं थी।
छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी संस्थानों ने फिनो पेमेंट्स बैंक के एजेंटों से अकाउंट किट सीधे अपने कब्जे में ले लिया, जबकि वह खाताधारकों को मिलना चाहिए था। इतना ही नहीं एजेंटों ने संस्थानों को इन बैंक खातों की चेकबुक भी उपलब्ध करा दी। इससे खाते में जमा छात्रवृत्ति को संस्थानों ने खुद ही निकाल लेने में सफल हो गए। अधिकांश खाते ऐसे सामान्य ग्रामीणों के नाम खोले गए, जिन्हें इन बैंक खातों के बारे में जानकारी ही नहीं है।
ईडी को तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में सिम कार्ड और विभिन्न संस्थाओं की मुहरें भी मिली हैं। साथ ही चेकबुक और छात्रों के पहचान पत्र भी मिले हैं। जांच में शैक्षिक संस्थानों को जरिया बनाकर मनी लांड्रिंग किए जाने के कई साक्ष्य मिले हैं। ईडी की टीमें इन शैक्षिक संस्थानों के पदाधिकारियों और उनके निकट संबंधियों के मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित विभिन्न आपत्तिजनक साक्ष्यों की जांच में जुटी हैं।