भारत कच्चे तेल (Crude Oil) की मारामारी पर नियंत्रण के लिए बड़े बंदोबस्त करके चल रहा है। उसने रूस से कम कीमत में कच्चे तेल की डिलीवरी के लिए एडवांस बुकिंग कर दी है। यह सौदा तेल PSU Bharat Petroleum Corp Ltd ने किया है। कंपनी ने मई की लोडिंग के लिए 2 मिलीयन बैरल तेल खरीदा है।
BPCL दुनिया की तीसरी बड़ी तेल आयातक कंपनी है। उसने स्पॉट मार्केट के जरिए तेल खरीदा है। 24 फरवरी को रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ही भारत अलग-अलग चैनल से रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। इसमें उसे अच्छी छूट मिल रही है। BPCL ने Trafigura से यह खरीदारी की है। BPCL की इस खरीद के जरिए भारत ने अब तक 16 मिलियन बैरल कच्चे तेल की बुकिंग कर डाली है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि सरकार रूस के साथ आर्थिक लेनदेन को स्थिर करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने संसद में कहा कि रूस एक महत्वपूर्ण आर्थिक भागीदार है और भारत और उसके बीच आर्थिक लेनदेन को स्थिर करने के प्रयास तेजी से चल रहे हैं।
कौन-कौन से देश खरीद रहे तेल
Russia से सस्ता तेल खरीदने के मामले में कई यूरोपीय देश भी शामिल हैं। भारत और चीन के अलावा जर्मनी ने जल्दबाजी में लगे प्रतिबंध पर चेतावनी दी कि वह फिलहाल तेल खरीद बंद नहीं करेगा। क्योंकि ऐसे कदम उसकी अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल सकते हैं। कुछ दूसरे देश जैसे हंगरी भी प्रतिबंध का विरोध कर रहा है। जर्मनी, हालांकि इस साल के अंत तक रूसी तेल आयात को खत्म कर सकता है। जैसा कि पोलैंड कर सकता है।
उधर, चीनी रिफाइनर-सिनोपेक भारी छूट के बावजूद नए कॉन्ट्रैक्ट से परहेज कर रही है, लेकिन अभी सप्लाई जारी है। इस बीच, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक भारत ने भारी छूट का फायदा उठाकर रूस से कच्चे तेल की खरीद बढ़ा दी है।