पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत तेल उत्पादक देशों के साथ बातचीत में देश में ईंधन की कीमतों में कमी सुनिश्चित करने के लिए यथासंभव प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और कोयले जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर भारत की निर्भरता बहुत लंबे समय तक बनी रहेगी और हरित ऊर्जा स्रोतों की ओर बदलाव तभी होगा जब वे सस्ती होंगी।

भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में, पुरी ने कहा, ‘‘…सरकार कीमतों के प्रति बहुत संवेदनशील है। और मैं आपको पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय या बहुपक्षीय बातचीत में यह सुनिश्चित करने के लिये यथासंभव कोशिश करेंगे करेंगे कि ईंधनों की कीमतें कम हों।’’
एक हफ्ते पहले, मंत्री ने कहा था कि भारत सऊदी अरब और अन्य देशों से बेहतर कच्चे तेल के आयात सौदों की संभावना तलाशने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) और निजी क्षेत्र के रिफाइनर को एक साथ लाना चाहता है।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें 85 डॉलर प्रति बैरल के कई वर्षों के उच्च स्तर पर पहुंचने से स्थानीय खुदरा पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। भारत अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा-खपत और आयात करने वाला देश है।
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