पिछले 10 दिनों के भीतर पेट्रोल की कीमत में आम आदमी को 1 रुपये की राहत मिली है. हालांकि अभी भी पेट्रोल के दाम 85 रुपये का आंकड़ा पार किए हुए है. इसके अलावा डीजल भी 72 रुपये के पार बना हुआ है. आसमान पर पहुंची इन कीमतों को कम करने को लेकर अब सिर्फ आम आदमी नहीं, बल्कि एसोचैम ने भी आवाज उठाई है.
इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम ने सरकार को हिदायत दी है कि वह टैक्स में कटौती कर पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को राहत दे. एसोचैम ने कहा कि ऐसा करने से न सिर्फ आम आदमी को फायदा होगा, बल्कि इससे अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचेगा. उनके मुताबिक इससे न सिर्फ चालू खाता घाटा कम होगा, बल्कि रुपया भी संभलेगा. एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत ने एक बयान जारी कर यह बात कही.
एसोचैम ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का भी सुझाव दिया. इंडस्ट्री बॉडी के मुताबिक ऐसा करने से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू ईंधन की कीमतों के बराबर हो जाएंगी. रावत ने कहा, ”ऐसा होने के बाद सरकार को तेल नियंत्रित नहीं करना पड़ेगा. लोग तेल को भी अन्य किसी सामान की तरह इस्तेमाल करेंगे, जो अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर आधारित है.”
रावत ने बढ़ती कीमतों को लेकर कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने का असर न सिर्फ देश की इकोनॉमी पर पड़ता है, बल्कि इससे आम आदमी के लिए घर का बजट भी बिगड़ता है. क्योंकि इसकी वजह से ट्रांसपोर्ट्रेशन का खर्च बढ़ता है. जिसका सीधा असर महंगाई के तौर पर देखने को मिलता है.
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