पूजा किट, गीता, मुस्लिम सम्मेलन, अपनी छवि से बाहर निकल वोट बैंक बढ़ाने की जुगत में हैं पार्टियां

पूजा किट, गीता, मुस्लिम सम्मेलन, अपनी छवि से बाहर निकल वोट बैंक बढ़ाने की जुगत में हैं पार्टियां

राजनीति का ऊंट कब किस करवट बैठ जाए, इसकी भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता। 2019 के आम चुनाव के मद्देनजर राजनीति फिलहाल 180 डिग्री टर्न लेती दिख रही है। बंगाल से लेकर गुजरात तक इसके संकेत मिलते दिख रहे हैं। मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप झेल रही कांग्रेस पार्टी जहां गुजरात के सौराष्ट्र इलाके के 148 मंदिरों में ‘श्रीराम-सांध्य आरती कमिटी’ बनाने और उन्हें किट देने की तैयारी में है। वहीं, बीजेपी पश्चिम बंगाल में गुरुवार को अल्पसंख्यक सम्मेलन आयोजित कर रही है। इस सम्मेलन के जरिए बीजेपी की नजर सूबे की 30 फीसदी मुस्लिम आबादी पर है।पूजा किट, गीता, मुस्लिम सम्मेलन, अपनी छवि से बाहर निकल वोट बैंक बढ़ाने की जुगत में हैं पार्टियां

यही नहीं पश्चिम बंगाल की सीएम बनने के बाद से ही मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों में घिरीं ममता बनर्जी ने भी बड़ा टर्न लेते हुए सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ी है। हाल ही में उन्होंने 8,000 से ज्यादा ब्राह्मणों और पुरोहितों को गीता भेंट की। ममता इससे पहले यह भी कह चुकी हैं कि वह भी हिंदू हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की ओर से ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाती रही है। सूबे में हुए कई दंगों की वजह से भी बीजेपी को ममता पर यह आरोप चस्पा करने में मदद मिली है। वहीं, ममता की ओर से बीजेपी को मुस्लिम विरोधी ठहराया जाता रहा है। 
अब राजनीति ने दिलचस्प मोड़ लिया है और दोनों पार्टियां इस छवि को तोड़ने में जुटी हैं। मुस्लिम विरोधी कही जाने वाली बीजेपी अल्पसंख्यक सम्मेलन बुला रही है तो तुष्टीकरण के आरोप झेल रहीं ममता ने गीता की प्रतियां बांट कर सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ी है। बीजेपी के अल्पसंख्यक सम्मेलन को पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष और टीएमसी से हाल ही में आए मुकुल रॉय संबोधित करेंगे। 

सौराष्ट्र के मंदिरों का ‘कायाकल्प’ करेगी कांग्रेस 
गुजरात चुनाव के दौरान अपने नेता और वकील कपिल सिब्बल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले की सुनवाई को टाले जाने की दलील पर घिरी कांग्रेस अपनी छवि से बाहर आने के भरसक प्रयास कर रही है। चुनाव के दौरान राहुल के 20 से भी ज्यादा मंदिरों में पहुंचने के बाद अब पार्टी की राज्य इकाई सौराष्ट्र क्षेत्र के 148 गांवों में ‘श्रीराम-सांध्य आरती कमेटी’ बनाकर स्थानीय राम मंदिरों के ‘कायाकल्प’ की तैयारी में है। इसके तहत पार्टी उपेक्षित मंदिरों में एक हफ्ते में 14 बार आरती करने के लिए तैयार वॉलेंटियर्स को पूजन सामग्री बांटेगी। 

गुजरात में विपक्ष के नेता परेश धनानी ने यह आइडिया पेश किया है। धनानी ने बताया कि उन्होंने राहुल गांधी से भी इस पर चर्चा की है। उन्होंने कहा, ‘गुजरात आरएसएस की प्रयोगशाला रहा है, लेकिन लोगों ने यह सवाल पूछना शुरू कर दिया है कि खुद को हिंदू पार्टी बताने वाली इकाई ने हमारी परंपराओं को सुरक्षित रखने और बढ़ावा देने के लिए क्या किया है? अयोध्या काफी दूर है, लिहाजा हम पास के मंदिरों से इसकी शुरुआत करना चाहते हैं। यह गांव के मामलों से युवाओं को जोड़ने के लिए सामाजिक आंदोलन है।’ 

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