सुनील काले ने कल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक ऑपरेशन के दौरान अपनी जान गंवा दी थी। सुनील काले महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले थे।
गौरतलब है कि कश्मीर के पुलवामा में मंगलवार 23 जून को भारतीय सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गये थे। हालांकि, यहां आतंकियों से लड़ते हुए सीआरपीएफ के जवान सुनील काले सुबह 4 बजकर 30 बजे शहीद हुए थे। इस मुठभेड़ में बलिदान देने वाले सुनील कोल्हापुर के रहने वाले थे। सुनील की शहादत की जानकारी मिलते ही उनके गांव पनगांव में मातम पसरा हुआ है।
शहीद सुनील काले को हाल ही में हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया था। शहीद सुनील काले पिछले 17 वर्षों से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में कार्यरत थे। प्रगतिशील विचारधारा के सुनील काले रिटायरमेंट के बाद गांव के विकास के लिए काम करना चाहते थे। उनके गांववालों का कहना है कि, वे अगले साल रिटायर होकर गांववालों को शिक्षित करने में सहयोग करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने गांववालों के साथ मिलकर एक रोडमैप भी तैयार किया था। वे फोन पर भी हमेशा भाई, मां और पत्नी के साथ इस विषय पर चर्चा किया करते थे। दो दिन पहले भी उन्होंने अपने भाई से फोन पर बात की थी। भाई ने उन्हें हाल ही में गांव में खुदे बोरवेल की तस्वीर भेजी थी।
बता दें कि इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के लिए मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के ट्रस्ट की ओर से 51 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई थी। तब ट्रस्ट ने कहा था कि इस हमले में सीआरपीएफ के जिन जवानों ने अपनी जिंदगियां खोई हैं, उनके परिवारों को मदद के तौर पर सिद्धिविनायक मंदिर के ट्रस्ट की और से यह राशि दी जाएगी।
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