अयोध्या. अयोध्या (Ayodhya) में दीपोत्सव की रौनक कुछ और ही होगी. वजह है – इस बार 28 साल बाद रामलला के दर पर भी दीपक जगमगाएंगे. रामलला भी इस बार खुलकर दीपावली मनाएंगे. साल 1992 में बाबरी ध्वंस के बाद से रामलला मंदिर में नहीं, अस्थायी टेंट में विराजमान थे. 28 साल के बाद उन्हें भूमिपूजन से पहले अस्थायी मंदिर में विराजमान किया गया है. तब से ये पहली दीपावली होगी, जब उनका घर और दर दीपकों की रोशनी से जमगमाएगा. इसको लेकर अयोध्या प्रशासन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. कोरोना वायरस के दौर में इस बार अयोध्या का चौथा दीपोत्सव कार्यक्रम सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा.
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इस बार दीपावली रामलला परिसर में मनाई जाएगी, यह अद्वितीय और अद्भुत है. बहुत सी ऐसे घटनाएं हुई जिससे प्रभु श्रीराम रामलला को 28वर्षों तक तिरपाल में रहना पड़ा. त्रेता युग में अयोध्या में जैसे दीपावली मनाई गई उसी की झलक अबकी बार दिखाई देगी. आज हम भगवान का भव्य मंदिर बन रहा है इसलिए और भव्य तरीके से दीपोत्सव मनाया जाएगा. लगभग साढे पांच लाख दीपों से राम की पैड़ी को जगमग करने का प्रयास माननीय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ महाराज का है. यह निश्चित रूप से सफल होगा.
मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि तीन वर्षों से अभी तक रामलला दीपोत्सव से वंचित रहे. इस बार जो दीपोत्सव मनाया जा रहा है, उसमें रामलला की आरती मुख्यमंत्री करेंगे.
नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी-
अगर बात करें दीपोत्सव के समय जलने वाले दीपकों की तो, इस बार भी नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है और इसके लिए राम की पैड़ी पर 5 लाख से साढ़े पांच लाख दीपक जलाए जाएंगे.
तैयारियों में जुटा सरकारी अमला-
अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारियों और कोरोनावायरस के चलते बनाए जाने वाली ऐसी रणनीति जिससे उसकी भव्यता में कमी ना हो इसी मंथन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की बैठकों का दौर जारी है और दीपकों की रिकॉर्ड संख्या और भव्य कार्यक्रम के दावे के बीच कार्यक्रम स्थल पर कम से कम लोगों की मौजूदगी रहे इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है.