राजधानी के पीजीआई थाना क्षेत्र में एक शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। मुकदमा दर्ज करवाने आए आर्मी से सेवानिवृत्त जवान और उनके वकील की पुलिसकर्मियों से बहस हो गई। जिसके बाद दोनों पक्षों में जमकर गाली गलौज हुई, देखते ही देखते मामला हाथापाई और मारपीट तक पहुंच गया। वकील ने आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने उन पर केस बदलने का दबाव बनाया। बात न मानने पर 40-50 पुलिसकर्मियों ने थाने में बंद कर मारपीट की। वहीं चौकी इंचार्ज आशुतोष कुमार ने वकील पक्ष पर मारपीट की तहरीर दी। रविवार देर रात डेढ़ घंटे तक मचे ताडंव पर थाने में पांच थानों के उच्च अधिकारी मामला शांत कराने पहुंचे।
यह है मामला
तेलीबाग द्वारिका पुरी घर निवासी आर्मी रिटायर्ड अरविंद कुमार का आरोप है शाम को मोटरसाइकिल से बाबूखेड़ा से तेलीबाग आ रहे थे। इस दौरान सफारी सवार पांच लोगों ने उन्हें रोका और उनके साथ मारपीट की और गोली चला दी। इस घटना को लेकर वो अधिवक्ता रमाशंकर तिवारी के साथ पीजीआइ थाने रात 10 करीब मामला दर्ज करवाने पहुंचे। आरोप है कि जांच अधिकारी चौकी इंचार्ज आशुतोष कुमार ने कहा कि गोली चलने का मामला संज्ञान में नहीं आ रहा है, इसलिए प्रार्थना गोली की धारा हटा रहे हैं केवल मारपीट के लिए मेडिकोलीगल करा लिया जाए। इसे लेकर दोनों के बीच कहासुनी होन लगी। अधिवक्ता रमाशंकर तिवारी का आरोप है कि थाने की पीडि़त की एफआइआर लिखवाने आए थे और चौकी इंचार्ज तेलीबाग आशुतोष, चौकी इंचार्ज वृंदावन राजू सिंह व सिपाही राम कुमार व राजकुमार इन सब लोगों ने 40 से 50 पुलिसकर्मियों ने दौड़ाकर मारा। उन्हें बुरी तरह से मारा पीटा गया, यहां तक कि लॉकअप के अंदर लात घूंसों से मारा और सामान भी छीन लिया। वहीं उन्होंने जब बताया कि वो हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करते हैं तो उन्हें भद्दी भद्दी गालियां भी दी।
पांच थानों की पुलिस ने शांत कराया मामला
थानें में मारपीट और हंगामा तकरीबन डेढ़ घंटे तक चला। हंगामे की सूचना पर एसपी उत्तरी अमित कुमार व सीओ कैंट बीनू सिंह सीओ हजरतगंज, सीओ गोमतीनगर और सीओ कृष्णानगर मौके पर पहुंचे और मामला शांत कराया गया। वहीं देर रात दोनों चौकी इंचार्ज और दो सिपाहियां पर एफआइआर दर्ज करा दी। चौकी इंचार्ज तेलीबाग आशुतोष, चौकी इंचार्ज वृंदावन राजू सिंह व सिपाही राम कुमार व राजकुमार पर पीडि़त पक्ष पर तहरीर दर्ज कराई।
चौकी इंजार्च ने भी दी तहरीर
चौकी इंचार्ज पीजीआइ ने भी अधिवक्ता और साथी पर मारपीट और अभद्रता व सरकारी कार्य को बाधित करने की तहरीर दी है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद कुमार के साथ मारपीट और गोली लगने की सूचना फोन पर मिली थी। इसके बाद रात अरविंद कुमार अपने साथ अधिवक्ता रमाशंकर तिवारी को लेकर आए उनके साथ 20-25 साथ कार्यालय के अंदर आए और गाली गलौज करने लगे और जान से मारने की धमकी देने लगे। इसकी सूचना पर मैं जब वहां पहुंचा तो देखा कि रमाशंकर तिवारी और उसके 20-25 साथी आरपी सिंह व विकास मिश्रा के साथ हाथापाई कर रहे हैं। वहीं मौके पर मौजूद राजू सिंह व विनीत दास उन्हें समझा रहे थे। वहीं उन्होंने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाते हुए मारपीट की। उच्चअधिकारियों को इस बाबत सूचित किया गया।