पीएमसीएच में विभिन्न विभाग में स्थापित अल्ट्रासाउंड मशीनों से जाँच की होगी शुरुआत

पीएमसीएच में अब रोगियों को अल्ट्रासाउंड जांच के लिए कई दिनों का इंतजार नहीं करना होगा। रेडियोलॉजी विभाग के अलावा इमरजेंसी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, शिशु रोग, किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट और हड्डी रोग विभाग में स्थापित सभी मशीनों से मंगलवार से अल्ट्रासाउंड जांच होने लगी है।

सिर्फ रेडियोलॉजी विभाग में हो रही थी जांच

अब तक पीएमसीएच में सिर्फ रेडियोलॉजी विभाग में एक मशीन पर किसी तरह से अल्ट्रासाउंड जांच हो रही थी। इससे रोगियों को तीन से चार दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा था। इमरजेंसी में बाहर से अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा था। बताया जाता है कि 14 मशीनें अस्पताल में प्रोब नहीं होने के कारण एक साल से बंद थीं, जिन्हें मरीजों को हो रही परेशानियों को देखते हुए एक बार फिर से शुरू कर दिया गया है।

मंगलवार से शुरू हो गई जांच

अधीक्षक डॉ. बिमल कारक ने बताया कि संबंधित कंपनी से सीएमसी (कंप्रेहेंसिव मेंटेनेंस कांट्रैक्ट) के तहत 20 मुफ्त प्रोब (अल्ट्रासाउंड के दौरान बाहर से पेट पर घुमाने वाला यंत्र) लेने के लिए लगातार वार्ता करने से जांच सुविधा सुचारू करने में समय लगा। आखिर में बीएमएसआइसीएल के सहयोग से कंपनी ने शर्त के मुताबिक 20 मुफ्त समेत कुल 39 प्रोब भिजवा दिए। सोमवार को सभी विभागों की मशीनों में इंस्टॉल करा दिया गया है। मंगलवार से सभी मशीनों से अल्ट्रासाउंड जांच होने लगी है।

सामान्य स्थिति में हर दिन दो सौ की होती है अल्ट्रासाउंड जांच

पीएमसीएच के सिर्फ रेडियोलॉजी विभाग में सामान्य स्थिति में हर दिन करीब दो सौ मरीज अल्ट्रासाउंड कराते हैं। स्त्री एवं प्रसूति रोग, शिशु रोग व हड्डी रोग विभाग और मुख्य इमरजेंसी में अलग जांच होती थी। इमरजेंसी और गायनी की मशीन जनवरी से ही खराब है। रेडियोलॉजी विभाग में करीब दस अल्ट्रासाउंड मशीन हैं, लेकिन सिर्फ एक पर ही सुबह नौ से एक बजे तक जांच होती थी।

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