भारतीय जल सीमा से पाकिस्तानी मरीन एजेंसी ने गुजरात की 8 बोट तथा 40 मछुआरों का अपहरण कर लिया। मानसून के बाद ये मछुआरे पहली बार बोट लेकर मछली पकड़ने को निकले थे। गुजरात के समुद्रीय किनारे से लगती भारत–पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय जल सीमा से आए दिन गुजरात की बोट व मछुआरों के पकड़े जाने की घटनाएं सामने आती रही हैं।
गुजरात में बीते दो तीन माह से सक्रिय जोरदार मानसून के बाद पहली बार गुजरात के मछुआरे मछली पकड़ने के लिए निकले थे। पाकिस्तानी मरीटाइम सिक्यूरिटी एजेंसी ने भारतीय जल सीमा में आकर गुजरात की 8 बोट व करीब 40 मछुआरों का अपहरण कर लिया। अपहरण की गई आठ बोट में से 7 पोरबंदर की बताई जा रही है जबकि एक बोट वेरावल की है।
गुजरात बोट ऐसोसिशन के पदाधिकारी अश्विन दुधिया ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय जल सीमा से गुजरात की बोट व मछुआरों का अपहरण आम बात है लेकिन मानसून के बाद पहली बार मछुआरे मछली पकड़ने को निकले ही थे ओर उनका अपहरण किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि अपह्रत की गई बोट पोरबंदर व गीर सोमनाथ के वेरावल कस्बे की है।
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान मरीन सिक्योरिटी एजेंसी ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा से 60 भारतीय मछुआरों का अपहरण किया था। वे सभी सौराष्ट्र और पोरबंदर के रहने वाले थे। पाकिस्तान ने मछुआरों की 10 बोट को भी जब्त कर लिया था। इससे मछुआरों में आक्रोश फैल गया। सूत्रों के अनुसार, 10 बोट में सवार 60 मछुआरे भारत-पाकिस्तान अतंरराष्ट्रीय जल सीमा के निकट मछली पकड़ रहे थे। इसी दौरान पाकिस्तानी मरीन सिक्योरिटी एजेंसी ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया। इसके बाद बंदूक की नोंक पर इन भारतीय मछुआरों को बंधक बनाकर कराची बंदरगाह ले जाया गया था।
मछुआरों पर आरोप है कि पाकिस्तान की तरफ से आये दिन भारतीय मछुआरों पर फायरिंग की जाती है। मछुआरों का अपहरण करने के बाद भारत से रिश्ते सुधारने का नाटक कर इन्हें छोड़ भी दिया जाता है। मछुआरों का कहना था कि पाकिस्तान ने करोड़ों रुपए की करीब 900 से अधिक भारतीय बोट जब्त कर ली हैं। सरकार को पहल करते हुए उन्हें छुड़ाना चाहिए।