पाकिस्तान के कराची में बाइक सवार बदमाशों ने एक प्रभावशाली सुन्नी मौलाना आदिल खान की गोली मारकर हत्या कर दी है। उनकी हत्या की हर तरफ आलोचना हो रही है। देश में इस घटना को शिया और सुन्नी समुदाय के बीच हिंसा भड़काने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। वहीं इसे लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत पर आरोप मढ़ दिए। हालांकि अपनी बात के समर्थन में उन्होंने कोई सबूत नहीं दिए हैं।

‘डॉन’ न्यूज ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से खबर दी कि कराची के जामिया फारूकिया मदरसे के प्रमुख मौलाना डॉक्टर आदिल खान को शनिवार को कथित तौर पर निशाना बनाकर हमला किया गया। खान शाह फैसल कॉलोनी में स्थित मदरसे जामिया फारूकिया के संस्थापक मशहूर विद्वान मौलाना सलीमुल्ला खान के बेटे थे।
जामिया फारूकिया देवबंदी पंथ की सुन्नी मुस्लिम शिक्षाओं का अनुसरण करता है। पुलिस के बयान के अनुसार खान को ले जा रही कार जब शाह फैसल कॉलोनी में एक शॉपिंग सेंटर के निकट रुकी, तो दोपहिया वाहन पर सवार बदमाशों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और फरार हो गए।
‘डॉन’ ने अस्पताल की प्रवक्ता अंजुम रिजवी के हवाले से कहा कि खान को लियाकत नेशनल अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उनके वाहन चालक को जिन्ना पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल सेंटर ले जाया गया, जहां पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
पाकिस्तान में सुन्नी और शिया समुदाय के बीच खूनी दुश्मनी का पुराना इतिहास रहा है। दोनों तरफ से सैकड़ों लोगों की जानें ली जा चुकी हैं। खास तौर पर धार्मिक विद्वानों की हत्या की जाती रही है। आंतक रोधी पुलिस अधिकारी रजा उमर खिताब ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह हत्या समुदायों के बीच हिंसा फैलाने की साजिश के तहत की गई है।
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