पहली बार बड़े परदे पर दिखा डकैतों का पूरा खानदान

इन दिनों फिल्म ‘किल’ की चर्चा है। निखिल नागेश भट्ट के निर्देशन में बनी इस फिल्म में हिंसा कूट-कूटकर भरी है। फिल्म देख चुके दर्शकों को इस फिल्म के आगे रणबीर कपूर की बीते वर्ष आई ‘एनिमल’ के हिंसक दृश्य बहुत छोटे मालूम हो रहे हैं। मोहब्बत की बुनियाद पर फिल्म की कहानी है। जहां मोहब्बत है, वहां उसके मुकम्मल होने में हजार उलझने तो होंगी ही! लेकिन, यहां उलझन का रूप ऐसा विकराल है कि मार-धाड़ का नंगा नाच होता है और वह भी चलती रेलगाड़ी में। हीरो है, हीरोइन है और ढेर सारे गुंडे हैं। रेलगाड़ी में चढ़ा गुंडों का यह गिरोह पूरा एक खानदान ही है। यह प्रयोग भी हिंदी सिनेमा में पहली बार होता दिखा है।

फिल्म ‘किल’ में लक्ष्य मुख्य हीरो हैं। यह उनकी डेब्यू फिल्म है। राघव जुयाल खलनायक फणी के रोल में हैं। उनके अलावा तान्या मानिकतला हैं, जो लक्ष्य की गर्लफ्रेंड की भूमिका में है। फिल्म की कहानी ये है कि एनएसजी कमांडो अमृत राठौड़ (लक्ष्य) को अपनी प्रेमिका (तान्या मानिकतला) की सगाई होने की खबर मिलती है। वह प्रेमिका भगाने के लिए रांची भागता है। साथ में दोस्त विरेश (अभिषेक चौहान) है। लड़की अपने परिवार के साथ रांची से राजधानी एक्सप्रेस में सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना होती है। इसी ट्रेन में प्रेमी अमृत भी अपने दोस्त के साथ है। ट्रेन कुछ आगे चलती है तो इसमें 40 डकैतों का गिरोह चढ़ जाता है।

विशुद्ध प्रेम कहानी वाली यह फिल्म अचानक एक्शन में तब्दील हो जाती है और एक्शन अंत तक नजर आता है। ट्रेन में एक ऐसी घटना घट जाती है कि प्रेमिका को हमसफर बनाने का सपना देखने वाला प्रेम में डूबा एक युवक खूंखार कातिल बन जाता है। उसका मुकाबला जिन डकैतों के गिरोह से होता है, वह गिरोह पूरा एक खानदान ही है। फिल्मी परदे पर ऐसा भी दर्शकों को पहली बार ही देखने को मिला है जब डकैतों का पूरा कुनबा ही मिलकर एक गिरोह बना लेता है।

फिल्म में आशीष विद्यार्थी गिरोह के सरगना हैं। फणी (राघव जुयाल) उनका बेटा है। सरगना का एक भाई है। साला है। भांजा हैं। भतीजा है और भी तमाम रिश्तेदार इस गिरोह में शामिल हैं। ऐसा पहली बार किसी हिंदी फिल्म में डकैतों का गिरोह, इधर उधर से जुटे लोगों का झुंड न होकर पूरा एक ही खानदान और रिश्तेदारों का गिरोह है। डकैतों के गिरोह में चाचा, मामा, पापा जैसी आवाजें आती हैं और जब किसी डकैत को अपने ही खानदार का कोई शख्स मरता दिखे तो क्या ही बीतेगी, यह उसके अलगे एक्शन में दिख जाता है।

फिल्म में खूनी कहानी खून के रिश्तों को भी बचाने की कहानी बनती लगती है। फिल्म में यह प्रयोग काफी कारगर रहा है। एक्शन पसंद करने वालों पर इसने असर भी किया है। कमाई की बात करें तो यह फिल्म करीब 20 करोड़ रुपये के बजट में बनी है और बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई कर रही है। आंकड़ों के मुताबिक घरेलू बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने 16.35 करोड़ रुपये कमा लिए हैं, वहीं वर्ल्डवाइड यह फिल्म अब तक 35 करोड़ रुपये कमा चुकी है। ‘कल्कि 2098’ जैसी मेगा बजट फिल्म के सामने यह मजबूती से टिकी हुई है। खासकर युवा वर्ग झुंड में इस फिल्म को देखने उमड़ रहा है।

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