चिराग पासवान को बेदखल कर चाचा पशुपति कुमार पारस लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चुन लिये गए हैं। गुरुवार को बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उनके निर्वाचन पर मुहर लगा दी गई। पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के निजी आवास पर बैठक का आयोजन हुआ। इससे पहले पशुपति पारस ने अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। उनके साथ चंदन, वीना और कैसर जैसे नेता नजर आए लेकिन प्रिंस राज नहीं पहुंचे। तीन बजे तक किसी अन्य का नामांकन नहीं होने से पशुपति पारस अध्यक्ष बन बन।

पशुपति पारस पहले पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बने। उसके बाद गुरुवार को पशुपति पारस गुट के लोगों ने उन्हें पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिया। बैठक में पार्टी के चार सांसदों और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों ने हिस्सा लिया। लोजपा सांसद पशुपति पारस, सांसद महबूब अली कैसर, सांसद वीना देवी, चंदन सिंह मौजूद रहे। पारस के अध्यक्ष निर्वाचित होने की औपचारिक घोषणा शाम पांच बजे होगी। इस दौरान एक प्रेस कांफ्रेंस भी होनी है।
कार्यालय में बैठक नहीं करने का कारण बताया
अमूमन किसी पार्टी का संगठनात्मक चुनाव पार्टी कार्यालय में ही करवाया जाता है, लेकिन लोजपा के अंदरूनी विवाद के बाद पारस गुट की तरफ से बनाए गए चुनाव प्रभारी सूरजभान सिंह ने पटना के कंकड़बाग स्थित अपने आवास पर बैठक करवाने का फैसला किया। पार्टी ने इसके पीछे की वजह कोरोना को बताया है। पार्टी ने जो दलील दी है, उसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी चल रही है, ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठे ना हो, इसलिए चुनाव की प्रक्रिया अलग जगह आयोजित की गई है। अगर पार्टी कार्यालय में आयोजित किया जाता तो राज्यभर से कार्यकर्ताओं की भीड़ वहां इकट्ठे हो जाती। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा एक बार फिर बढ़ जाता।
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