पपीते की पत्ती का जूस के सेवन से होते है ये हैरतअंगेज फायदे

 पपीता एक अद्भुत फल है जो प्रकृति की अच्छाई से भरपूर है और बड़े पैमाने पर अमृत समझा जाता है. प्रकृति ने न सिर्फ हमें इस ऊष्णकटिबंधीय फल से नवाजा है बल्कि अनेक औषधीय गुणों के साथ पूरे पौधे को संपन्न भी किया है. न सिर्फ फल में आश्चर्यजनक स्वास्थ्य के फायदे हैं, बल्कि उसकी पत्तियां भी अत्यधिक मजबूत औषधीय गुणों के लिए जानी जाती हैं. पीला, नारंगी, गूदेदार फल विटामिन्स में भरपूर है, उसी के साथ पपीते की हरी पत्तियां विटामिन ए, सी, ई, के, बी और मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, ऑयरन, सोडियम का खजाना हैं. पपीते की हरी पत्तियों में एंजाइम जैसे पपैन, काइमोपैपेन और कार्पैन यौगिक भी पाए जाते हैं. प्राकृतिक रूप से पपीते की पत्ती का इस्तेमाल कई बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है. उसका रस जादुई असर करता है. पपीते की पत्ती के रस का असाधारण स्वास्थ्य फायदा आपको जानना चाहिए और साथ ही ये जानें कि आप पत्ती को जूस में कैसे बदल सकते हैं.

पपीते की पत्ती से रस बनाने का तरीका
सबसे पहले, 5-10 ताजा और मुलायम पपीते की पत्तियों को लें. उनको बहते नल के नीचे बहते पानी में 5-6 छह बार धोएं. अगली बार, पत्तियों को जूसर जार में डालें और अच्छी तरह से एक चिकनी स्थिरता के लिए मिश्रित करें. आप पत्तियों को अच्छी तरह से कुचलने के लिए आप एक ब्लेंडर का भी उपयोग कर सकते हैं. अब, एक बारीक कपड़े की मदद से मिश्रण को छानें. ताजा जूस को ग्लास में भरें और बाद में उपयोग करने के लिए ठंडा करें. 

डेंगू का इलाज- डेंगू ब्लड के प्लेटलेट्स काउंट में तेज कमी के लिए जाना जाता है, पपीते की पत्ती के रस से उसका चमत्कारिक इलाज किया जा सकता है. दिन को पपीते की पत्ती का 25 मिलीलीटर रस पानी में दो बार पीएं. उससे आपके शरीर को स्पष्ट मात्रा में डेंगू बुखार के खिलाफ प्लेटलेट्स पैदा करने में मदद मिलेगी और आपका शरीर स्वस्थ होगा. 

लीवर के लिए मुफीद- लीवर के काम को पपीते की पत्ती के रस से सुधारें. रस के उपचार गुणों में लीवर की पुरानी बीमारियों में से एक जौंडिस का इलाज करने की क्षमता होती है. ये लीवर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्सीफाई करता है, और लीवर से अपशिष्ट पदार्थों को साफ करता है. 

स्किन, बाल को सुधारता है- पपीते की पत्ती का रस शरीर पर लगाने से सूखी, परतदार स्किन की देखभाल होती है. ये एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर के रूप में काम करता है, दानों, मुंहासों को कम करता है, अतिरिक्त तेल स्राव को रोकता है. रस बाल के विकास में सहायता करता है, डैंड्रफ, रूसी दूर करता है.

मलेरिया का इलाज करता है- पत्ती के रस में एसिटोगोनिन यौगिक पाया जाता है जो मलेरिया के इलाज में प्रभावी रूप से काम करता है. उसके प्लाज्मोडायस्टेटिक गुण अप्रत्यक्ष तौर पर मलेरिया बुखार को काबू करते हैं.

डायबिटीज काबू के साथ पाचन को बढ़ाता है- रस का औषधीण गुण इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है. ये ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है, किडनी की क्षति को रोकता है. पेट के अल्सर, अपच के लिए उसके एंजाइम हैरतअंगेज काम करते हैं और उसके अलावा, रस ब्लोटिंग को दूर रखता है. 

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