पंजाब में भिखारियों के वेश में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा

पंजाब में भिखारियों के वेश में असामाजिक तत्वों के जमावड़े की पंजाब पुलिस ने आशंका जताई है। आशंका है कि भिखारियों की आड़ में हत्या, रेकी, बच्चा उठाने, चोरी करने इत्यादि जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है। पुलिस के खुफिया विंग के पास ऐसी सूचनाएं हैं कि पंजाब में भिखारी गिरोह पनप चुके हैं। भिखारियों को लेकर पंजाब पुलिस ने अलर्ट जारी किया है।

पंजाब के सीमावर्ती जिलों में मंदबुद्धि किस्म के लोग और भिखारियों की संख्या को लेकर तो पहले ही केंद्रीय गुप्तचर एजैंसियां अपनी रिपोर्ट सरकार को दे चुकी हैं। पहले भी ऐसे कुछ मामले आ चुके हैं जब भिखारियों के वेश में जासूसी करने वाले लोगों की जानकारी मिली थी। आजकल पंजाब में भीख मांगने वाले लोगों का एक नई किस्म का आतंक पनप रहा है। वैसे तो भीख मांगने वालों में ज्यादातर ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं है परंतु उनके साथ ही भीख मांगने वाले लोग, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं, अक्सर चौक-चौराहों पर वाहन चालकों को भीख देने के लिए झकझोर देने वाले ढंग का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक पंजाब के खुफिया विंग ने जिला पटियाला को लेकर विशेष रूप से एक अलर्ट जारी किया है जिसमें कहा गया है कि जिला पटियाला के शहर पटियाला, राजपुरा, नाभा, पातड़ां, समाना इत्यादि में भिखारी, साधु वेश वाले लोगों इत्यादि की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है और यही बात आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। इस संबंधी जारी एक पत्र के मुताबिक ऐसे लोग अक्सर ट्रैफिक लाइटों पर खड़े नजर आते हैं और लाल बत्ती होने पर वाहन चालकों के पास आकर पैसे मांगते हैं। इनमें गर्भवती महिलाएं और छोटी बच्चियां भी होती हैं।

पत्र के मुताबिक अगर कोई वाहन चालक इन्हें पैसे नहीं देता तो कई बार भीख मांगने वाले लोग गलत शब्दावली और दुर्व्यवहार भी करते हैं। इस बात पर चिंता प्रकट की गई है कि इनमें से कई भिखारी मंदबुद्धि होने का दिखावा करते हैं जिनकी आड़ में गैर कानूनी और गैर सामाजिक गतिविधियों जिसमें बच्चा उठाने, हत्या करने, चोरी इत्यादि जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है। इस मामले में पुलिस को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

पंजाब में भिखारियों, लावारिस मंदबुद्धि लोगों की संख्या 3 लाख से अधिक
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 में लोकसभा में सामाजिक सुरक्षा विभाग के मंत्री द्वारा रिपोर्ट दी गई थी जिसमें बताया गया था कि देश में भिखारियों की संख्या 4,13,670 है जिनमें सर्वाधिक भिखारी पश्चिम बंगाल में हैं जिनकी संख्या 81,244 है जबकि सबसे कम भिखारी दमन और दीव में है जहां इनकी संख्या महज 7 है। पंजाब में भिखारियों की संख्या 7939 बताई गई थी। चंडीगढ़ में इनकी संख्या 121 और हरियाणा में 8682 बताई गई थी, लेकिन अनौपचारिक आंकड़ों के मुताबिक केवल पंजाब में भिखारियों, लावारिस मंदबुद्धि लोगों की संख्या 3 लाख से अधिक है।

पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में उठा था मामला
गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में भी कांग्रेस के विधायक अवतार सिंह जूनियर ने यह मामला उठाया था जिसके जवाब में सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर ने बताया था कि वर्ष 2022-23 में 260 बच्चों को बाल भिक्षा से हटाकर उनका पुनर्वास किया गया है। हालांकि पंजाब सरकार के पास राज्य में भिखारियों की संख्या का विवरण नहीं था लेकिन मंत्री ने कहा था कि राज्य के सभी जिलों के जिला मैजिस्ट्रेट और पुलिस के पास भिखारियों को रोकने के लिए शक्तियां हैं और भिखारी को बिना वारंट के गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com