पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ इस साल दीवाली से कुछ दिन पहले पंजाब में आतंकी हमले की साजिश में जुटी है। उसकी साजिश 18 नवंबर 2018 को अमृतसर में निरंकारी भवन में हुए हैैंड ग्रेनेड हमले जैसी वारदात करने की है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार आतंकी गुरमीत सिंह से पूछताछ में सुरक्षा एजेंसियों को आइएसआइ की साजिश का पता चला है। उल्लेखनीय है कि आतंकी गुरमीत सिंह व उसके साथी विक्रम सिंह को बीते सप्ताह पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनसे हथियार भी बरामद किए थे जो पाकिस्तान से भेजे गए थे।
आतंकी गुरमीत सिंह से पूछताछ में आइएसआइ की साजिश का पता चला
सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि गुरमीत को पाकिस्तान में बैठे उसके आका और आइएसआइ ने खालिस्तान मूवमेंट से जोड़ने के लिए युवाओं को उकसाने का टास्क दिया है। पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि गुरमीत ने पूछताछ में बताया है कि उसे 30 साल तक के लड़के-लड़कियों को खालिस्तानी मूवमेंट से जोडऩे के लिए कहा गया है। पता लगाया जा रहा है कि गिरफ्तारी से पहले गुरमीत किन-किन लोगों के संपर्क में था ताकि उन लोगों को आगाह किया जा सके जिससे उनके बच्चे आतंकी गतिविधियों में लिप्त न हो सकें।
गुरमीत को दिया था युवाओं को खालिस्तानी मूवमेंट से जोडऩे का टास्क
सुरक्षा एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि गुरमीत पिछले दो साल में कितने युवाओं को खालिस्तानी मूवमेंट के लिए गुमराह कर चुका है। पता चला है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके करीबी दोस्त भूमिगत हो चुके हैं। अमृतसर देहाती के एसएसपी बिक्रम दुग्गल ने कहा कि दोनों आतंकियों ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं जिन पर पुलिस काम कर रही है।
एनआइए ने डेरे में की पूछताछ
सुरक्षा एजेंसियों के एक अधिकारी ने बताया कि एनआइए (नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी) की टीम सीमावर्ती क्षेत्र के एक गर्म ख्याली डेरे पर पूछताछ के लिए पहुंची। एनआइए की चार गाडिय़ां डेरे के बाहर रुकीं। छह अफसरों ने डेरा प्रमुख से लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की। एनआइए ने किस मामले में पूछताछ की, इसके बारे में पता नहीं चल सका है।