चंडीगढ़, पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी सहित लगभग सभी राजनीतिक दलों ने पंजाब विधानसभा के 14 फरवरी को होने वाले मतदान को टालने का चुनाव आयोग से अनुरोध किया था। आयोग ने अब राज्य में मतदान 20 फरवरी को कराने का फैसला किया है।
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पहले अधिसूचना 21 जनवरी को जारी की जानी थी, लेकिन अब यह अधिसूचना 25 जनवरी 2022 (मंगलवार) को जारी होगी। नामांकन की अंतिम तिथि 1 फरवरी 2022 (मंगलवार) व छंटनी की तिथि 2 फरवरी 2022 (बुधवार) होगी। नाम वापस 4 फरवरी 2022 (शुक्रवार) तक लिए जा सकेंगे। मतदान 20 फरवरी को होगा, जबकि मतगणना पहले की ही तरह 10 मार्च 2022 (गुरुवार) को होगी।
इससे पहले सुबह चुनाव आयोग मतदान की तिथि पर चर्चा करने को तैयार हो गया था। दरअसल, 16 फरवरी को श्री गुरु रविदास जी का प्रकाश पर्व है। ऐसे में राज्य से बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी जाते हैं। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव की तिथि आगे बढ़ाने की मांग की थी। गत दिवस भारतीय जनता पार्टी, कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी और सुखदेव सिंह ढींडसा के शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) ने भी चुनाव आयोग से तिथि आगे बढ़ाए जाने की मांग की थी।
होशियारपुर से भाजपा सांसद और केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि चुनाव को कम से कम एक सप्ताह आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने पत्र में कहा है कि डेरा सचखंड बल्ला के संत निरजंन दास जी ने उन्हें पत्र लिखा है। पत्र में बताया है कि गुरु रविदास जी के प्रकाश पर्व को लेकर पंजाब से करीब 20 लाख लोगों के वाराणसी जाने की संभावना है। ऐसे में वाराणसी जाने वाले लोग मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे, जो कि उनका संवैधानिक अधिकार है। केंद्रीय मंत्री ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा कि यह मामला करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। इसलिए पंजाब में मतदान 18 फरवरी के बाद करवाया जाए।
भाजपा के प्रदेश महासचिव डा. सुभाष शर्मा ने कहा कि भाजपा सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है, इसलिए वह नहीं चाहती कि कोई भी वर्ग अपने वोट के अधिकार से वंचित रहे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतदान की तिथि छह दिन आगे बढ़ाने की मांग कर चुके हैं। उधर, रविदासिया समाज ने मतदान की तारीख बदलने की मांग को लेकर आज सोमवार को जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे जाम कर रहे थे।