नई दिल्ली: पंजाब में कांग्रेस को लड़ाई सुलझाने का फॉर्मूला मिल गया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह अगले चुनाव में भी सीएम का चेहरा होंगे, वही नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने इस बात के संकेत दिये हैं।

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है। वहीं, सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की खबर के बीच कैबिनेट मंत्री साधु सिंह ने कहा है कि राहुल गांधी जिसको भी अध्यक्ष बनाएंगे वो हमें मंजूर होगा।
सिद्धू, जिनकी मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ लंबे समय से चली आ रही लड़ाई अंदरूनी कलह का मुख्य कारण थी, सुनील जक्कड़ की जगह लेंगे। दो अन्य नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष नामित किए जाने की संभावना है। समझौते के तहत अमरिंदर सिंह अपने मंत्रिपरिषद में भी बदलाव करेंगे, जिसमें चरणजीत चन्नी और गुरप्रीत कांगर को बर्खास्त किए जाने की संभावना है।
विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह और विधायक राज कुमार वेरका, दलित समुदाय के एक नेता, तीन या चार नए चेहरों में शामिल होने की उम्मीद है। दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व पिछले महीने विधायकों द्वारा इस मुद्दे को हल करने के लिए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के सामने रखी गई मांगों में से एक थी।
अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच समझौते की खबर मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मिलने के एक हफ्ते बाद आई है। बैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह कांग्रेस आलाकमान द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा उसको स्वीकार करेंगे।
सोनिया गांधी के साथ बैठक सिद्धू के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिलने के कुछ दिनों बाद हुई। हालांकि सिद्धू को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन अमरिंदर सिंह ने उस कदम को कथित तौर पर विफल कर दिया।
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