विद्यार्थियों का आरोप है कि उन्हें जानबूझ कर फेल किया गया है। उनका परिणाम 1 जनवरी को घोषित किया गया, जबकि अन्य का परिणाम 31 दिसंबर को घोषित किया गया। विद्यार्थियों की चिंता को गंभीरता से लेते हुए साइंस डीन के अंतर्गत जांच कमेटी बनाई जा रही है। दरअसल एक विषय की कम से कम फीस 4 लाख रुपये है, जो विद्यार्थियों को दोबारा देनी पड़ सकती है।
कनाडा के ओंटारियो की अलगोमा यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 130 विद्यार्थी एक ही विषय में फेल हो गए, जिसके बाद छात्रों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। इनमें अधिकतर पंजाब से हैं।
प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों का आरोप है कि आईटी के एक विषय में 130 स्टूडेंट्स को फेल कर दिया गया। जिन्हें फेल किया है, वे सभी दूसरे देशों के हैं। धरना देने वाले विद्यार्थी उन्हें पास करने व अगले सेमेस्टर में दाखिले की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे नौ विषयों और टेक्निक्स ऑफ सिस्टम एनालिस्ट विषय के प्रैक्टिकल में भी पास हैं, लेकिन उन्हें इस विषय की लिखित परीक्षा में फेल कर दिया गया है। उनका कहना है कि इन सभी विद्यार्थियों को फेल करने वाला प्रोफेसर भी एक ही है।
उन्होंने यूनिवर्सिटी के आगे मांग रखी है कि इस विषय के पेपर को किसी अन्य अध्यापक से चेक करवाया जाए। इस मांग के साथ विद्यार्थियों ने अनिश्चितकालीन समय के लिए प्रदर्शन करने का फैसला किया है। विद्यार्थियों का आरोप है कि उन्हें जानबूझ कर फेल किया गया है। उनका परिणाम 1 जनवरी को घोषित किया गया, जबकि अन्य का परिणाम 31 दिसंबर को घोषित किया गया। इतना ही नहीं, अगले दाखिले के लिए समय भी 7 जनवरी तक का दिया गया है, जिसके कारण अब ये सभी 130 विद्यार्थी अधर में फंस गए हैं।
यूनिवर्सिटी ने दिया जांच करवाने का आश्वासन
यूनिवर्सिटी का बयान भी सामने आया है और प्रबंधन ने जांच करवाने की बात कही है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि हमने एक सीनियर प्रोफेसर से विद्यार्थियों से बात करने को कहा है। विद्यार्थियों की चिंता को गंभीरता से लेते हुए साइंस डीन के अंतर्गत जांच कमेटी बनाई जा रही है। दरअसल एक विषय की कम से कम फीस 4 लाख रुपये है, जो विद्यार्थियों को दोबारा देनी पड़ सकती है। विद्यार्थियों की मदद करने वाली रेमी सेखों का कहना है कि मामला काफी गंभीर है और वह विद्यार्थियों के संपर्क में हैं।