जिनकी इनकम टैक्स देने लायक होती है उन सभी व्यक्तियों को प्रति वर्ष अपनी इनकम से टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है। किसी भी व्यक्ति को आईटीआर-1 का इस्तेमाल करते हुए आयकर रिटर्न दाखिल करते समय सैलरी / पेंशन, एक घर से इनकम, इनकम फ्रॉम कैपिटल गेन/लॉस, बिजनेस से इनकम और इनकम के अन्य सोर्स से मिलने वाली इनकम के बारे में बताना होता है। इनकम फ्रॉम अदर सोर्स में अन्य सभी तरह की इनकम शामिल होती हैं। इनकम फ्रॉम अदर सोर्स में सेविंग बैंक अकाउंट, पोस्ट ऑफिस में अकाउंट, एफडी, आरडी, फैमिली पेंशन आदि से मिलने वाला ब्याज शामिल होता है। इसमें वे गिफ्ट भी शामिल होते हैं जो टैक्स के लायक है।
बैंक सेविंग अकाउंट से मिलने वाली ब्याज दर को इनकम फ्रॉम अदर सोर्स के तहत आईटीआर में घोषित करना जरूरी है। अगर आप आयकर रिटर्न में अदर सोर्स से इनकम की रिपोर्ट करना भूल गए हैं तो आप रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। एसेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए टैक्सपेयर 31 मार्च, 2020 तक रिवाइज्ड आईटीआर दाखिल कर सकते हैं। अन्य इनकम के बारे में बताते हुए और किसी भी पेनल्टी से बचने के लिए 31 जुलाई, 2019 तक अपने रिटर्न को रिवाइज्ड कर सकते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि सभी रेजिडेंट सैलरी पाने वाले व्यक्ति आईटीआर-1 फॉर्म दाखिल करने के लिए एलिजिबल नहीं हैं। एक रेजिडेंट जो केवल 50 लाख रुपये से कम सैलरी से इनकम के साथ सैलरी पाने वाला है, वही आईटीआर-1 फॉर्म का इस्तेमाल कर टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए एलिजिबल होगा। अगर इसके अलावा किसी भी कैपिटल गेन या फार्मिंग सोर्स से इनकम मिलती है तो वित्त वर्ष 2019 के लिए आईटीआर-1 दाखिल नहीं कर सकता है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि आईटीआर दाखिल करने से पहले आपको कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स जैसे फॉर्म 16, बैंक और पोस्ट ऑफिस से ब्याज प्रमाण पत्र, फॉर्म 16 ए / फॉर्म 16 बी, फॉर्म 26 एएस, सैलरी स्लिप और आधार कार्ड आदि रखना चाहिए। इसी के साथ ध्यान रहे कि रिटर्न फाइल करते वक्त किसी भी तरह की गलती नहीं करनी है।