यूपी में शासन और प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद अब प्रतिमाओं को लेकर परेशानी बढ़ गई है। मूर्ति कारीगरों के पास प्रतिमाएं ही उपलब्ध नहीं हैं। जहां मूर्तियां हैं, उनकी बुकिंग पहले से होने के कारण आयोजन को लेकर समस्या खड़ी हो गई है।

दुर्गा पूजा पर जिले में चार सौ से अधिक पंडाल बनाए जाते हैं। शासन की अनुमति मिलने के बाद पूजा समिति के लोग मूर्ति कारीगरों के चक्कर काट रहे हैं। समितियां पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से संपर्क कर रही हैं, लेकिन कहीं प्रतिमाएं नहीं हैं।
पूजा समिति ने केंद्रीय पूजा समिति के अध्यक्ष से भी प्रतिमाओं के इंतजाम के लिए गुहार लगाई है। केंद्रीय पूजा समिति के अध्यक्ष तिलकराज मिश्र ने बताया कि मुगलसराय में 25 छोटी प्रतिमाएं थीं, लेकिन उनकी बुकिंग हो चुकी हैं।
सरस्वती पूजा के बचे हुए ढांचों पर जो मूर्तियां तैयार हुईं, वह भी शहर की मांग के अनुरूप कम हैं। इससे पूजा समितियों के सामने मूर्ति स्थापना का संकट खड़ा हो गया है। मूर्तियां नहीं मिलीं तो केवल सांकेतिक कलश पूजन होगा।
कोषाध्यक्ष संजय मुखर्जी ने बताया कि बनारस में जितने अच्छे और बड़े मूर्तिकार हैं, उन्हें कोरोना संक्रमण के कारण आर्डर नहीं मिला था। अब इतना कम समय है कि प्रतिमाओं की उपलब्धता पर संशय बना हुआ है।
एक मूर्ति बनने में 10 से 12 दिन लगते हैं। पंडाल और प्रतिमा के कारीगर भी बंगाल से आते हैं। इस बार वह आए नहीं, इसलिए भी परेशानी हो रही है।
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