सरकार ने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 में एक नई धारा 134ए जोड़ दी है। यह नियम सड़क दुर्घटना में पीडि़तों की मदद करने वाले अच्छे नागरिकों के हितों की रक्षा करेगा। इस नए नियम के चलते अब पुलिस अधिकारी ऐसे अच्छे नागरिकों पर उनकी पहचान बताने या अन्य कोई निजी जानकारी देने का दबाव नहीं डाल सकेंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने नागरिकों के हितों की रक्षा के नियमों को प्रकाशित कराया है।
यह नियम अच्छे नागरिकों के लिए हैं। अच्छे नागरिकों से धर्म, राष्ट्रीयता, जाति या लिंग के आधार पर उनसे कोई भेदभाव न हो। इन लोगों से आदरपूर्वक बर्ताव किया जाए। कोई भी पुलिस अफसर या अन्य कोई व्यक्ति इन अच्छे इंसानों से उनका नाम, पता, और अन्य निजी जानकारियां बताने के लिए दबाव नहीं बना सकेगा। इन नियमों के तहत हर सरकारी और निजी अस्पतालों को भी हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में इस चार्टर को अपनी वेबसाइट और जरूरी स्थानों पर लगाना होगा।
इसमें अच्छे नागरिकों के अधिकारों का विस्तृत उल्लेख होगा। अगर सड़क हादसे के पीडि़तों की मदद करने वाला व्यक्ति स्वेच्छा से घटना का गवाह बनने को तैयार हो तो उसे मोटर वाहन कानून के अन्य नियमों के आधार पर ही कार्रवाई करनी चाहिए।
अब नहीं रखना होगा पास में लाइसेंस
केंद्र सरकार द्वारा मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत अधिसूचित परिवर्तनों का एक हिस्सा एक अक्टूबर यानी गुरूवार से लागू हो गया। नए मोटर वाहन अधिनियम 2019 के तहत DL सहित अन्य दस्तावेज अब आपको अपने साथ नहीं रखने होंगे। यह सभी दस्तावेज अब ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होंगे। यह कागज डिजिलॉकर या एम-परिवहन पर अपलोड किए जा सकता हैं।
पोर्टल पर मौजूद रिकॉर्ड में निरीक्षण की तारीख और समय-स्टांप होगा। ड्राइवरों की गैर-कानूनी उत्पीड़न से बचने और वाहनों की पुन: जांच या निरीक्षण से बचने के लिए वर्दी में पुलिस अधिकारी की पहचान की जाएगी। इसके साथ ही पोर्टल पर ई-चलान जारी किया जाएगा।