देश के कई इलाकों में भारी बारिश से जमा हुए पानी ने कहीं बाढ़ ला दी है तो कहीं बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। वहीं, पिछले कुछ दिनों से बारिश राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों पर मेहरबान है। यहां सड़कों पर नदियां बहती हुई देखी गईं हैं, जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पहले से कोरोना महामारी सभी के लिए परेशानी बनी हुई और ऊपर से अब बारिश और भूस्खलन से भी लोगों को हताहत होना पड़ रहा है। अभी फिलहाल बारिश का दौर चालू रहेगा। मौसम विभाग ने स्पेशल कुछ जिलों के नाम से अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा देश के कोने-कोने पर क्या मौसम रहने वाला है, इस बारे में जानकारी सामने आई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और कोंकण के अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। मौसम विभाग ने पूर्वी मध्यप्रदेश पर निम्नलिखित दबाव बनने और संबद्ध चक्रवाती प्रवाह के चलते, मध्य महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र और घाट के क्षेत्रों में अगले 48 घंटों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले एक-दो दिनों में बंगाल की खाड़ी में नए मानसूनी सिस्टम बन सकते हैं। इससे अगस्त में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। जून-जुलाई में सिस्टम न बन पाने की वजह से देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश की कमी दर्ज की गई थी।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बंगाल के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। विभाग ने मध्य प्रदेश के छह जिलों होशंगाबाद, जबलपुर,बेतुल, नरसिंहपुर, सिवनी और हरदा जिले को रेड अलर्ट जारी किया है। बता दें कि इससे पहले 21 अगस्त को केंद्रीय जल आयोग ने अगले 24 घंटे में देश के कुछ हिस्सों के लिए बाढ़ को लेकर पूर्वानुमान जारी किया था।
केंद्रीय जल आयोग ने बाढ़ का पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया था कि पूर्वी मध्य प्रदेश के इलाकों और पूर्वी राजस्थान और गुजरात सबडिवीज़न के आसपास के क्षेत्रों पर अगले 24 घंटें के दौरान बाढ़ का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा कोंकण और गोवा सबडिवीज़न के कुछ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी अगले 24 घंटों के दौरान अलर्ट रहने को कहा था, यहां भी बाढ़ का खतरा लगातार मंडरा रहा है। आयोग ने उत्तर आंतरिक कर्नाटक के कोंकण और बेलगाम जिले के रत्नागिरी, उत्तरी गोवा, दक्षिण गोवा जिलों के कुछ जल क्षेत्रों और पड़ोस के क्षेत्र पर बाढ़ का खतरा बताया था।