दिल्ली सरकार ने उत्तरी नगर निगम को 98 करोड़ 35 लाख रुपये शिक्षकों की सैलरी के लिए जारी किया है। इसकी जानकारी मंगलवार को दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को दी। सरकार ने बताया कि ये रुपये 9 हजार शिक्षकों की जुलाई और अगस्त महीने की सैलरी के लिए जारी किया गया है।
दिल्ली सरकार ने कोर्ट में यह भी कहा कि उसने उत्तरी नगर निगम को 1,807.10 लाख रुपये जारी करने की अनुमति दी है। ताकि शिक्षकों के वेतन का भुगतान किया जा सके। कोर्ट ने कहा कि नगर निगम यह सुनिश्चित करे कि शिक्षकों को वेतन जल्द से जल्द दिया जाए। इससे पहले अदालत को एनडीआरसी की तरफ से पहले सूचित किया गया था कि उसने मार्च तक निगम से जुड़े सभी 9,000 शिक्षकों को वेतन का भुगतान किया था।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि शिक्षकों को कोरोना महामारी की ड्यूटी पर तैनात किया गया है और वे कोरोना योद्धा के समान हैं। इसके बावजूद भी मार्च माह से उनका वेतन नहीं दिया जाना अफसोस जैसी स्थिति बयां करता है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने रिकॉर्ड पर लिया कि शिक्षक ही नहीं उत्तरी नगर निगम के सफाई कर्मचारियों और डॉक्टरों को भी उनका बकाया भुगतान नहीं किया गया
18 जून को दिल्ली हाई कोर्ट ने एनडीएमसी को एक सप्ताह के अंदर वेतन जारी करने का आदेश दिया था। एनडीएमसी ने पीठ को बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा निगमों का भुगतान नहीं होने के कारण शिक्षकों के अलावा सफाई कर्मचारी एवं डॉक्टरों का विभिन्न श्रेणी में बकाया भुगतान नहीं किया जा सका है। पीठ ने रिकॉर्ड पर लिया कि न्यायिक आदेश होने के बाद दिल्ली सरकार ने मार्च महीने का वेतन जारी किया और एनडीएमसी शिक्षकों को भुगतान किया गया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान शिक्षकों की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता एचएस फूलका ने पीठ को बताया कि एनडीएमसी के अधीन 700 स्कूल में 7 हजार शिक्षक हैं। 7 हजार शिक्षकों में से 5406 शिक्षकों को एनडीएमसी के 299 स्कूलों में कोरोना ड्यूटी में लगाया गया है। जिसे दिल्ली सरकार ने जरूरतमंद लोगों के लिए राशन बनवाने के लिए लिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना ड्यूटी पर लगे शिक्षकों का भी वेतन नहीं दिया जा रहा है।
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