भाजपा के लिए अल्पसंख्यकों को अपने साथ जोड़ने की चुनौती हमेशा से रही है। वहीं विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार से उसकी परेशानी और बढ़ गई है। इससे पार्टी के नेता चिंतित भी हैं, इसलिए अल्पसंख्यकों को अपने साथ जोड़ने और विरोधियों के दुष्प्रचार का जवाब देने की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत अल्पसंख्यक बहुल्य मतदान केंद्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

प्रत्येक मतदान केंद्र पर कम से कम दो नए कार्यकर्ता खड़े किए जाएंगे। इसके साथ ही केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से अल्पसंख्यकों के जीवन में आ रहे बदलाव को प्रचारित किया जाएगा।

नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार और पार्टी को बदनाम करने के लिए कई विरोधी पार्टियां और उनके समर्थक भाजपा को अल्पसंख्यक विरोधी साबित करने की मुहिम चला रहे हैं। खास एजेंडे के तहत यह दिखाने की कोशिश हो रही है कि अल्पसंख्यक वर्ग अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है।

ऐसा अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में सियासी लाभ उठाने के लिए हो रहा है। इस तरह के साजिशों का जवाब देना जरूरी है। इसलिए कार्यकर्ताओं को लोगों के बीच जाकर सच्चाई बतानी होगी।

उनका कहना है कि उज्ज्वला योजना, जनधन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, मुद्रा योजना, उस्ताद जैसी योजनाओं से मुस्लिम व अन्य वर्गो का जीवनस्तर सुधरा है। इसे प्रचारित कर लोगों को गुमराह करने वालों से सावधान रहने को कहा जाएगा।

दिल्ली प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रभारी आतिफ रशीद का कहना है कि नए कार्यकर्ताओं को जोड़कर और केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को आगे लाकर विरोधियों की साजिश को नाकाम किया जा सकता है, इसलिए अल्पसंख्यक मोर्चा दिल्ली में अगले चार माह में प्रत्येक बूथ पर कम से कम दो नए कार्यकर्ताओं को तैयार करने का लक्ष्य लेकर काम करेगा। इसके साथ ही प्रत्येक बूथ पर केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों की सूची तैयार की जाएगी।

इससे लोगों को यह समझाने में मदद मिलेगी कि किस तरह से केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से अल्पसंख्यकों के जीवन में सुधार आ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नए कार्यकर्ता को कम से कम दस लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने का लक्ष्य दिया जाएगा।

दिल्ली में लगभग पांच हजार ऐसे मतदान केंद्र हैं, जहां अल्पसंख्यक निर्णायक स्थिति में हैं। इस तरह से आने वाले महीनों में राजधानी में लगभग दस हजार नए कार्यकर्ता जोड़े जाएंगे। ये कार्यकर्ता केंद्र सरकार की योजनाओं को भी अपने क्षेत्र में प्रचारित करेंगे। इसका लाभ पार्टी को अगले लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव में भी मिलेगा।