दिल्ली नगर निगम की महापौर डा. शैली ओबेराय ने विभिन्न वार्डों के पार्षदों के साथ समस्याओं को लेकर चल रही बैठकों की कड़ी में पश्चिमी जोन के पार्षदों के साथ बैठक की। इस दौरान महापौर ने सख्त निर्देश दिए कि जनता के काम न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
समीक्षा बैठक में निगम के पार्षदों ने कहा कि पार्कों के पंप खराब हैं। पंप सही कराने के दो तीन दिन में खराब हो जाते हैं। टिपर कूड़ा उठाने नहीं आते। इसके बाद महापौर ने निर्देश दिए कि लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए जोन उपायुक्त दौरा करें। हर माह समीक्षा बैठक होगी।
भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति अपनाने के दिए निर्देश
डा. शैली ओबेराय ने जोनल अधिकारियों को भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाने को कहा गया है। एक रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं होने दिया जाएगा। शिक्षा और पार्किंग विभाग के अधिकारियों के साथ एक अन्य बैठक में सभी निगम विद्यालयों में विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाने के निर्देश दिए। निगम विद्यालयों में पढ़ने वाले छोटे बच्चों के लिए आया की भी नियुक्ति करने के निर्देश दिए गए। महापौर ने कहा कि निगम विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए फंड की कमी किसी भी तरह से आड़े न आए। उन्होंने दिल्ली सरकार की तर्ज पर शिक्षा माडल को निगम में लागू करने के निर्देश दिए।
‘सफाई, बेहतर स्वास्थ सेवाएं देना हमारी प्राथमिकता’
महापौर डा. शैली ओबराय ने छतरपुर गांव और महरौली क्षेत्र का दौरा कर निगम के स्कूलों, पार्कों, सफाई व्यवस्था, नालों और गलियों का जायजा लिया। महापौर छतरपुर के वार्ड संख्या 159 और महरौली के वार्ड संख्या 155 का निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि सफाई, प्राथमिक शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाना हमारी और आप सरकार प्राथमिकता है और हम सकारात्मक रूप से इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। जनता को सुविधाएं देने के लिए जोन वाइज अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही हैं। वार्डों का दौरा किया जा रहा है। केजरीवाल माडल में जिस तरह से दिल्ली सरकार काम करती है, उसी तरह से निगम भी काम करेगा।
निरीक्षण के दौरान महापौर के साथ उपमहापौर आले इक़बाल, स्थानीय पार्षद पिंकी त्यागी, दक्षिणी क्षेत्र की उपायुक्त एंजल भाटी और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। महापौर ने कहा कि महरौली में तीन हेरिटेज बिल्डिंग दशकों तक रखरखाव नहीं होने की वजह से जर्जर हो चुकी हैं।