हाई कोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों के शवों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करने के निर्देश आज सभी अस्पतालों को दिए.
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस आईएस मेहता की पीठ ने अधिकारियों को सभी शवों के डीएनए नमूने सुरक्षित रखने और किसी भी अज्ञात शव का बुधवार तक अंतिम संस्कार नहीं करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होनी है.
कोर्ट ने यह निर्देश एक व्यक्ति की ओर से दायर बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए. व्यक्ति का रिश्तेदार दंगों के बाद से लापता है और याचिकाकर्ता ने उसका पता ठिकाना मालूम करने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट को बताया कि लापता व्यक्ति हमजा का शव गोकुलपुरी में एक नाले से सोमवार को बरामद किया गया था और उसका पोस्टमॉर्टम दिन में आरएमएल अस्पताल में किया जाएगा.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में हुई मौतों का आंकड़ा गुरुवार को 44 पर पहुंच गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि हिंसा में 53 मौतें हुई.
इसी बीच इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में हुईं तीन मौतें और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुई पांच मौतों का संबंध हिंसा से है या नहीं.
उत्तर पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी शशि कौशल ने बताया, “मृतकों की संख्या 44 पर पहुंच गई है. हम अभी पुलिस की ओर से मृतकों की संख्या पुष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं.”
पुलिस ने भी मृतकों की संख्या 44 होने की पुष्टि की. दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जन संपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा, “उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 44 लोगों की मृत्यु हुई है.”