लैंसडौन से भाजपा के विधायक दिलीप रावत ने कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है। विधायक ने अपने विधानसभा क्षेत्र लैंसडौन के लिए स्वीकृत कार्यों में अड़चन डालने का आरोप लगाते हुए हरक सिंह रावत को निशाने पर लिया है। उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर उनके क्षेत्र को नजरअंदाज किया गया तो वे विधानसभा के सामने आमरण अनशन करेंगे। विधायक दिलीप रावत ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।
उसमें लिखा है कि लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र में विद्युत वितरण खंड कार्यालय का लोकार्पण 12 दिसंबर 2021 को किया गया था, लेकिन बीस दिन बीतने के बाद भी अधिशासी अभियंता की नियुक्ति नहीं की गई। उनका आरोप है कि ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के दबाव में नियुक्ति नहीं की जा रही है। कालागढ़ वन प्रभाग का कार्यालय पूर्व में लैंसडौन से संचालित होता रहा, लेकिन वन मंत्री के दबाव में अब कैंप कार्यालय कोटद्वार से संचालित किया जा रहा है। ऐसा करने से लैंसडौन स्थित ऑफिस निष्क्रिय हो गया है।
त्रिवेंद्र रावत ने मुख्यमंत्री रहते एक साल पहले मैदावन-दुर्गादेवी मार्ग को खोलने की घोषणा की थी, लेकिन अब वन मंत्री इसका श्रेय ले रहे हैं। विधायक रावत ने कहा कि उनके क्षेत्र की लगातार अनदेखी की जा रही है, जिसे वे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने चेताया कि अगर तीन दिन के अंदर उनकी विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं का निस्तारण नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
पूर्व में कार्यरत अधिशासी अभियंता का प्रमोशन की वजह से तबादला हो गया है। तत्काल ही वहां नए अधिशासी अभियंता को तैनात कर दिया गया है। कालागढ़ वन प्रभाग कार्यालय भी लैंसडौन में ही है। उसे वहां से नहीं हटाया गया है। संभवत: टाइगर रिजर्व के कार्य की वजह से अधिकारी आजकल समय कोटद्वार में दे रहें हों। विकास कार्य में अड़चन डालने वाली बात तथ्यों से परे है।
डा. हरक सिंह रावत, वन एवं ऊर्जा मंत्री