जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) के आतंकियों के साथ पकड़े गए पुलिस ऑफिसर दविंदर सिंह (DSP Davinder Singh) से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) लगातार पूछताछ कर रही है. इस दौरान कई हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई हैं. सूत्रों के मुताबिक दविंदर ने आतंकियों को पनाह देने के लिए तीन अलग-अलग घर बना रखे थे. इसी सिलसिले में बुधवार को श्रीनगर में कई इलाकों में छापेमारी की गई. NIA के बड़े अधिकारी आज श्रीनगर से दिल्ली लौट आए हैं. लेकिन NIA की पांच सदस्यीय टीम अभी श्रीनगर में ही आगे की पड़ताल के लिए रहेगी. दविंदर को भी अभी तक दिल्ली नहीं लाया गया है
आतंकियों का ठिकाना
सूत्रों के मुताबिक दविंदर ने न सिर्फ अपने श्रीनगर के इंदिरानगर के घर पर आतंकियों के रहने का इंतजाम किया बल्कि चानपोरा और सनत नगर इलाकों में भी उनके रहने की व्यवस्था की. आरोप है कि ये घर निर्दोष लोगों को आतंकवाद के मामले में फंसाकर उनसे लिए गए पैसे से बनाए गए. इसके अलावा दविंदर आतंकियों को छुपाने के लिए गुलशन नगर में एक डॉक्टर का घर भी इस्तेमाल करता था. इसी जगह उसने हिजबुल कमांडर नवीद समेत कई आतंकियों को ठहराया था
सूत्रों के हवाले से ये भी पता चला है कि साल 1997 में दविंदर ने अमूल बटर का एक ट्रक चोरी किया था. ये ट्रक उस वक़्त जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री रहे ग़ुलाम मोहिदिन शाह के परिवार का था. इस सिलसिले में केस भी दर्ज हुआ. लेकिन उस वक्त DSP दविंदर सिंह के बॉस रहे एक अधिकारी ने उसे बचा लिया.
28 साल पहले भी हुआ था सस्पेंड
दविंदर सिंह को लेकर एक और खुलासा सामने आया है. साल 1992 में दक्षिण कश्मीर में ट्रक में ड्रग्स की खेप बरामद करने के साथ तस्कर भी पकड़ा गया था. आरोप है कि बाद में पैसे लेकर उसने मामला खत्म कर दिया और ड्रग्स भी बेच डाली. इस मामले की जांच हुई और दविंदर को सस्पेंड कर दिया गया. बाद में उसने माफी मांग ली और उसे फिर से बहाल कर दिया गया