वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रही हैं। रिपोर्टों के अनुसार, वे कोविड-19 महामारी के दौरान पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये तक के एक और प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती हैं।
इस पैकेज की घोषणा बुधवार को 10 क्षेत्रों में निर्माताओं के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) के बाद किया जा रहा है। पीएलआई पैकेज जहां विनिर्माण क्षेत्रों के लिए है वहीं प्रोत्साहन पैकेज रोजगार सृजन और उपभोक्ताओं के हाथों में पैसा देने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। मिडिल क्लास को उनसे राहत की उम्मीद है।
कोरोना संकट में पटरी से उतर गई अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए मोदी सरकार करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के एक और राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जीएसटी कलेक्शन जैसे कई आंकड़े बेहतर आये हैं और रिजर्व बैंक ने यह संकेत दिया है कि तीसरी तिमाही में ही इकोनॉमी पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है.
उन्होंने कहा कि रेलवे में माल ढुलाई में 20 फीसदी बढ़ी है, बैंक कर्ज वितरण में 5 फीसदी की बढ़त हुई. शेयर बाजार रिकॉर्ड हाई है. एफपीआई का नेट निवेश भी सकारात्मक रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार भी 560 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है.
सूत्रों के मुताबिक इस पैकेज को तैयार करने के लिए इंडस्ट्री चैंबर्स और कॉरपोरेट जगत की राय ली गई है. सूत्रों ने इस पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन कहा कि इसका मकसद परेशान सेक्टर को राहत देना होगा. साथ ही इसमें रोजगार सृजन पर जोर होगा. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से देश की इकॉनमी बुरी तरह प्रभावित हुई है.
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में करीब 24 फीसदी की गिरावट आयी है. इससे इकोनॉमी को राहत देने के लिए सरकार कई राहत पैकेज का ऐलान कर चुकी है. लेकिन इन सब राहत पैकेज से अर्थव्यवस्था में बहुत सुधार होने के संकेत नहीं मिल रहे हैं. हालांकि अर्थव्यवस्था में हाल में कई संकेतक बड़े सकारात्मक रहे, लेकिन उन्हें त्योहारी सीजन के दौरान होने वाली तात्कालिक बढ़त माना जा रहा है. अभी ट्रैवल, सर्विस सेक्टर जैसे कई सेक्टर की हालत बहुत खराब है.