ताइपे, चीन के विमान लगातार ताइवान के हवाई क्षेत्र में जाकर आपसी तनाव को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। सोमवार को भी चीन के पांच सैन्य विमान ताइवान के एयर डिफेंस जोन में घुस गए। चीन के विमानों के इस तरह से ताइवान के एयर डिफेंस में घुसने की ये जनवरी की 24वीं घटना थी। ताइवान न्यूज रिपोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया है कि चीन की पीएलए एयरफोर्स के शेनयांग जे-16 फाइटर जेट, एक शेनयांग जे-16डी इलेक्ट्रानिक वारफेयर प्लेन और एक शांग्जी केजे-500 अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट ताइवान के एयर डिफेंस जोन के दक्षिण पश्चिम में घुसे।
ताइवान ने भी चीन के इस दुस्साहस का तुरंत जवाब देने के लिए अपने विमानों को उनके पीछे भेजा और रेडियो वार्निंग भी जारी की। इसके अलावा इन विमानों पर निगरानी रखने के लिए एयर डिफेंस को भी तैनात किया। ताइवान न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक चीन के विमान आए दिन ताइवान की हवाई सीमा का उल्लंघन करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी की 3,9,16,21,22,26 और 29 तारीख को इस तरह की हरकत नहीं हुई। इसके अलावा हर दिन चीन की सेना ने इस तरह से ताइवान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2020 से चीन ने इस तरह की कार्यवाही को बढ़ावा दिया है और अपने विमानों को ताइवान के हवाई क्षेत्र में भेजकर अपनी ग्रे जोन रणनीति को भी बढ़ाया है। चीन के अधिकतर विमानों ने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन दक्षिण पश्चिम से ही किया है। नेशनल डिफेंस मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2021 में चीन के विमानों ने 239 दिनों में करीब 961 बार ताइवान की हवाई सीमा का उल्लंघन किया था। आपको बता दें कि ग्रे जोन रणनीति उसे कहा जाता है जब दूसरे देश के विमानों द्वारा किसी अन्य देश के हवाई क्षेत्र का लगातार उल्लंघन किया जाता है। इस दौरान किसी तरह के हमला करने की कोई योजना नहीं होती है। ये केवल दूसरे का सुरक्षा कवच भेदने के लिए ही किया जाता है।
गौरतलब है कि चीन हमेशा से ही ताइवान पर अपना हक जताता आया है। वहीं ताइवान में रहने वाले करीब ढाई करोड़ लोग खुद को एक आजाद देश के नागरिक मानते हैं। करीब सात दशकों से ताइवान में लोग अपनी पसंद की सरकार को चुनते आए हैं। ताइवान खुद को एक आजाद मुल्क बताता है। दोनों देशों के बीच इसको लेकर वर्षों से जबरदस्त तनाव है।