इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले में मेजबान टीम इंग्लैंड ने तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर को टीम में जगह नहीं दी थी, क्योंकि उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए बनाए गए प्रोटोकॉल को तोड़ दिया था। इसके बाद जोफ्रा आर्चर को बोर्ड ने 5 दिन तक टीम से अलग-थलग रहने का आदेश दिया। इस दौरान उन्होंने 2 कोविड-19 टेस्ट कराए, जिसमें उन्होंने नेगेटिव पाया गया। इस पूरे वाकये को लेकर जोफ्रा आर्चर ने कहा है कि उनके साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार किया गया।
कैरेबियाई मूल के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने डेली मेल के कॉलम में लिखा है, “यह पूरा सप्ताह बेहद कठिन रहा है और आइसोलेशन में पाँच दिन बिताने के कारण मुझे बहुत सोचने का समय मिला है, जहां पर मैं हूँ। मैनचेस्टर में एक होटल के कमरे में रहना कठिन था। आप जानते हैं कि आप बेडरूम के पर्दे के दूसरी तरफ खेले जाने वाले खेल पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते हैं और यह निराशाजनक है कि यह मैदान पर प्रभाव नहीं डाल सकता है।”
उन्होंने आगे लिखा, “जब मैं कोविड-19 प्रोटोकॉल तोड़ने के बाद आइसोलेशन की प्रकिया के बाद पहली बार अपने कमरे से बाहर निकला, तो मैंने मेरे द्वारा उठाए गए हर एक कदम को कैमरे को क्लिक करते हुए सुना। पूरे तमाशे ने मुझे असहज कर दिया। मुझे पता है कि मैंने जो किया वह निर्णय की त्रुटि थी और मुझे इसके परिणाम भुगतने पड़े हैं। मैंने कोई अपराध नहीं किया है और मैं खुद को फिर से अच्छा महसूस करने की कोशिश में हूं।”
आर्चर ने बताया है कि क्रिकेट कितनी अस्थिर है, क्योंकि अगर आप पहली पारी में विकेट नहीं लेते हैं और कम गति से गेंदबाजी करते हैं तो आपकी आलोचना शुरू हो जाती है। वहीं, जब आप दूसरी पारी में विकेट ले लेते हैं तो आपको महान करार दिया जाता है। ये क्रिकेट है, इसमें होता है, क्योंकि आपका कोई दिन खराब होता है तो कोई दिन अच्छा भी होता है। कई बार मुझको लगता है कि ये संसार अच्छा नहीं है, वास्तविक नहीं और सत्य नहीं है।
जोफ्रा आर्चर ने कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने को लेकर बताया, “हां, मैंने मैचों के बीच साउथैंप्टन से सीधे मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में नहीं जाने में गलती की। लोग गलती करते हैं। टेस्ट मैचों के बीच में मैंने सपोर्ट स्टाफ के एक सदस्य से बात की कि मैंने क्या किया है। नहीं जानता था कि क्या ये करना सही है। मैं समझ गया था कि इस पर मैनेजमेंट नाखुश होगा। हमें पता था कि हमें कुछ बिंदुओं के माध्यम से मैनचेस्टर जाना था। मैंने नहीं किया। मेरे लिए, घर घर है। एक सुरक्षित स्थान। मैंने कुछ सामान उठाया, कुछ सामान उतार दिया। यह कोई बड़ी बात नहीं थी।”
उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया है कि उन्होंने दर्जनों लोगों की जिंदगी को खतरे में डाला था। उन्होंने लिखा है, “मैं स्वीकार करता हूं कि मैंने अन्य लोगों को जोखिम में डाल दिया। मैंने सलाह का पालन नहीं किया और इसलिए वेस्टइंडीज टीम और सीरीज में शामिल सभी लोगों से अपनी टीम के साथियों से माफी मांगी। अब मैंने अपना समय पूरा कर लिया है, यह खत्म हो गया है, और मैं आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा हूं। मैंने शुक्रवार शाम को अनुशासनात्मक सुनवाई में एक मैच शुल्क की मेरी सजा को स्वीकार कर लिया और यह बहुत दर्दनाक था।”