जैविक खाद के सौदे को लेकर श्रीलंका और चीन के बीच तनाव पैदा हो गया है। चीन की खाद को हानिकारक मानते हुए श्रीलंका ने सौदा रद कर दिया और चीनी कंपनी का भुगतान रोक लिया है। इसके जवाब में भुगतान गारंटी देने वाली श्रीलंका सरकार के पीपुल्स बैंक को चीन ने काली सूची में डाल दिया है। श्रीलंका ने जैविक खाद की खरीद अब भारत से शुरू कर दी है। मामले में तनाव तब बढ़ा जब पीपुल्स बैंक ने चीन की कंपनी क्विंग्डो सीविन बायोटेक को 49 लाख डालर (36.72 करोड़ भारतीय रुपये) का भुगतान रोक लिया। चीनी कंपनी से जैविक खाद की खरीद श्रीलंका की सरकारी कंपनी सीलोन फर्टिलाइजर ने की थी। मामले में सीलोन फर्टिलाइजर कामर्शियल मामलों के हाईकोर्ट में गई थी।
हाईकोर्ट ने 22 अक्टूबर को आदेश जारी कर चीनी कंपनी को भुगतान पर रोक लगा दी। बैंक द्वारा भुगतान रोके जाने के बाद कोलंबो स्थित चीनी दूतावास ने शुक्रवार को पीपुल्स बैंक को क ाली सूची में डाल दिया। दूतावास ने कहा है कि हाल के महीनों में पीपुल्स बैंक के जारी लेटर आफ क्रेडिट का पालन न होने से चीनी कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है। क्विंग्डो सीविन का नुकसान इस सिलसिले का ताजा मामला है। चीन के दूतावास ने कहा है कि खाद का भुगतान रोके जाने से चीनी कंपनी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। भेजी गई खाद को खराब बताने का फैसला गलत है। मामले में पीपुल्स बैंक का कहना है कि उसने हाईकोर्ट के आदेश के चलते भुगतान रोका है।
इससे पहले मामले में श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने चीन के राजदूत को तलब कर कहा था कि चीनी कंपनी अच्छी गुणवत्ता वाली खाद का जहाज श्रीलंका भेजे, तभी उसे भुगतान किया जा सकता है। इस विवाद के बीच श्रीलंका ने भारत की कंपनियों को जैविक खाद की आपूर्ति का आदेश दे दिया है। इस आदेश पर भारतीय कंपनी ने पिछले सप्ताह उच्च गुणवत्ता वाले 31 लाख लिटर तरल नैनो नाइट्रोजन उवर्रक (खाद) की आपूर्ति श्रीलंका को कर दी है। जल्द ही बाकी उवर्रक की आपूर्ति भी कर दी जाएगी।