आप सभी जानते ही हैं कि हिन्दू धर्म में पापों का जिक्र किया गया है. जी हाँ, कई तरह के पाप होरे हैं जो मनुष्यों के द्वारा किए जाते हैं और उन्हें करने पर भारी नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में आप सभी को बता दें कि पुराने जमाने में ईसाई धर्म में 7 पापों को घोर पाप की सूची में रखा गया था और वह पाप आज हम आपको बताने जा रहे हैं. हिन्दू धर्म में भी सात महापापों का जिक्र है जिनमे से 5 आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
लस्ट – पहले तो आपको बता दें कि लस्ट यानी लालसा, कामुकता, कामवासना. कहते हैं ये मनुष्य को दंडनीय अपराध की ओर ले जाते हैं और इनसे समाज में कई प्रकार की बुराईयां फैलती हैं. इसी के साथ गैर महिलाओं से संबंध स्थापित करना सबसे बड़ा पाप माना जाता है.
ग्रीड – आपको बता दें कि ग्रीड मतलब लालच, लोभ. लालच करने वाले को भी अपराधी माना जाता है और उसे पाप का भोगी भी कहते हैं जो अपने पाप को मर जाने के बाद भोगता है.
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स्लौथ – आपको बता दें कि स्लौथ का मतलब आलस्य, सुस्ती और काहिली होता है. वहीं पहले स्लौथ का अर्थ होता था उदास रहना, खुशी न मनाना. इसे महापाप में इसलिए रखा गया था कि इसका मतलब था खुदा की दी हुई चीज से परहेज करना माना जाता है.
रैथ – आपको बता दें कि रैथ का मतलब होता है गुस्सा, क्रोध और आक्रोश. वकई बार गुस्से में आकर कोई कुछ भी कर जाता है और यह सात महापाप में अकेला ऐसा पाप है जिसमें आपका अपना स्वार्थ शामिल नहीं होता.
प्राइड – इसका मतलब होता है घमंड, अहंकार, अभिमान. इसे सातों महापाप में सबसे बुरा पाप समझा जाता है वहीं इसके लिए बहुत बड़ा दंड भी दिया जाता है.