इस साल देव दीपावली का पर्व सोमवार 7 नवंबर को मनाया जाएगा जबकि सूतक काल मंगलवार 8 नवंबर सुबह 8 बजे से प्रारंभ होगा। देव दीपावली का पर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
देव दीपावली का पर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवतागण धरती पर दीपावली मनाने आते हैं। इस दिन पहली बार देवताओं का काशी में प्रवेश हुआ था। देवताओं के आगमन के बाद काशी के घाटों पर दीपक जलाकर दीपावली मनाई गई। इस साल देव दीपावली का पर्व सोमवार 7 नवंबर को मनाया जाएगा।
कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 7 नवंबर से प्रारंभ हो रही है। घाटों पर दीपक जलाकर काशी के लोग देव दीपावली का पर्व मनाते हैं। असंख्य दीयों की रोशनी से काशी के घाट आकाश-गंगा तक जगमगा उठते हैं। इस दिन काशी के सभी घाटों को लाखों दीयों से सजाया जाता है।
इस साल पूर्णिमा तिथि को ग्रहण लगने की वजह से लोग देव दीपावली कब मनाए इसे लेकर लोग काफी असमंजस में है। जानकारी के लिए बता दें कि देव दीपावली के दिन चंद ग्रहण नहीं लगेगा। सूतक काल मंगलवार 8 नवंबर सुबह 8 बजे से प्रारंभ होगा।
देव दीपावली के दिन दीपदान करने से सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन काशी के सभी घाटों पर हजारों की संख्या में दीपक जलाएं जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवताओं की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए भगवान शिव ने कार्तिक मास की पूर्णिमा को त्रिपरासुर राक्षस का वध किया था। जिसके बाद देवताओं ने खुशी में काशी के तट पर दीपक जलाकर दीपावली मनाई थी।