लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन से तनाव के बीच भारतीय नौसेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपनी तैयारियों और क्षमताओं को जांचने के लिए युद्धाभ्यास किया.

साउथ चाइना सी में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को देखते हुए भारतीय नौसेना के इस युद्धाभ्यास को काफी अहम माना जा रहा है. बता दें कि अमेरिका ने पहले ही चीन के खिलाफ अपने जंगी जहाजों को दक्षिण चीन सागर में उतार दिया है.
इस सैन्य अभ्यास को लेकर सूत्रों ने कहा कि पूर्वी नौसेना कमान और अंडमान और निकोबार कमान ने संयुक्त रूप से इसका आयोजन किया.
नौसेना के सभी प्रमुख युद्धपोत और अन्य महत्वपूर्ण हथियारों ने इसमें हिस्सा लिया. हालांकि, नौसेना ने जंगी जहाजों और हथियारों को लेकर कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की.
एक सूत्र ने कहा, युद्धाभ्यास में “पूर्वी नौसेना कमान और अंडमान निकोबार कमान के महत्वपूर्ण युद्धपोत भाग ले रहे हैं. यह अभ्यास पूरे पूर्वी बेड़े की तैनाती के लिए निर्धारित है.”
अंडमान और निकोबार कमांड के पास नौसेना, वायु सेना और सेना तीनों की यूनिट है जो एक साथ काम करती है.
तीनों सेनाओं को मिलाकर थिएटर कमांड का गठन किया गया है. थिएटर कमांड का मुख्य मकसद इस क्षेत्र में भारत के सामरिक और भौगोलिक हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
चीन, हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में अपने नौसैनिक अभियानों का विस्तार कर रहा है. समुद्री डकैती रोधी अभियानों की आड़ में, चीनी अक्सर IOR में अपनी पनडुब्बियों के साथ पहुंच जाता है.
पिछले दशक में, चीनी नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अक्सर पनडुब्बी मिशन भेजती रही है जो कभी-कभी भारतीय जल सीमा के पास तक पहुंच जाती है.
चीन के ऐसे मिशन में आमतौर पर परमाणु और गैर-परमाणु पनडुब्बी शामिल रहती हैं. सूत्रों के मुताबिक भारत समुद्र में चीन के विस्तारवादी नीति के खिलाफ नौसेना के माध्यम से अपनी सैन्य कूटनीति को मजबूत करना चाहता है.
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