चीन के खिलाफ कार्रवाइयों में अमेरिका ने एक और कदम उठाया है। जबरन मजदूरी का हवाला देते हुए अब वहां से आने वाले कॉटन, हेयर प्रोडक्ट, कंप्यूटर कंपोनेंट और कुछ टेक्सटाइल को प्रतिबंधित कर दिया गया है। चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर समुदाय के लोगों से जबरन मजदूरी करवा कर बन रहे प्रोडक्ट पर अमेरिका की ओर से यह रोक लगाई गई है। इस प्रतिबंंध के फैसले पर अमेरिका ने बताया कि चीन की सरकार शिनजियांग में रहने वाले उइगर समुदाय का मानवाधिकार हनन कर रही है, इनका शोषण किया जा रहा है और इसीलिए यहां तैयार किए गए प्रोडक्ट उत्पादों को लेकर ये फैसला लिया गया है।

उइगर मुसलमानों को डिटेंशन कैंप में भेजने, उनके धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप के अलावा उनके शोषण को लेकर दुनिया भर में चीन की किरकिरी हो रही है । उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के शोषण और उत्पीड़न मामले पर रोशनी डालने के लिए नया वेबपेज जारी किया है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक ट्वीट में कहा, ‘हमने एक नया वेबपेज जारी किया है, जिसके जरिये शिनजियांग में रहने वाले उइगरों और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अत्याचारों को सामने लाया जाएगा। अमेरिका इस तरह के मानवाधिकार हनन खिलाफ वैश्विक लड़ाई की अगुआई करने के लिए प्रतिबद्ध है।’ यह वेबपेज ऐसे समय जारी किया गया है, जब दक्षिण चीन सागर और कोरोना महामारी को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनातनी बढ़ गई है।
चीनी सरकार न सिर्फ इनकी निगरानी करती है बल्कि मानवाधिकारों का हनन कर इन पर कई तरह की सख्त पाबंदियां भी लगा रखी हैं। लाखों उइगरों को हिरासत में भी रखा गया है।
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