बीजिंग, ताइवान और चीन के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है। चीन से बढ़ती सैन्य घुसपैठ के बीच रविवार को कम से कम आठ चीनी युद्धक विमानों ने ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में घुसपैठ की। अक्टूबर महीने में चीन की ओर से ताइवान पर यह छठा हमला था। ताइवान समाचार ने राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) के हवाले से बताया कि छह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) शेनयांग जे -16 लड़ाकू जेट, जबकि एक केजे -500 और एक शानक्सी वाई-8 पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान ताइवान के हवाई रक्षा क्षेत्र में घुसा। घुसपैठ के जवाब में, ताइवान ने इंटरसेप्टर विमान भेजे और पीएलए विमानों की निगरानी के लिए वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को तैनात करते हुए रेडियो चेतावनी जारी की।

ताइवान न्यूज ने राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) के हवाले से बताया कि 27 अक्टूबर को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इस साल अब तक 680 से अधिक सैन्य विमानों को ताइवान के रक्षा क्षेत्र में भेजा है। ताइवान में घुसपैठ में वृद्धि देखी जा रही है क्योंकि बीजिंग लोकतांत्रिक द्वीप पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है।
इससे पहले अक्टूबर महीने में चीनी सेना ने दादागिरी की सारी हदें पार करते हुए ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में एक साथ 52 फाइटर जेट भेजे थे। यही नहीं उसके बाद फिर चार फाइटर जेट भेजे। इसके 4 दिनों में चीन ने अब तक 149 फाइटर जेट ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में भेजे। चीन की इस सीनाजोरी के जवाब में अब ताइवान ने जंग की तैयारी का ऐलान किया है। चीन और ताइवान के बीच जारी इस तनाव से दक्षिण चीन सागर में युद्ध के बादल मंडराने लगे हैं।
ताइवानी विदेश मंत्री ने एबीसी चैनल के एक प्रोग्राम में घोषणा की कि अगर चीन वास्तव में हमला करता है तो ताइवान उसका करारा जवाब देने के लिए खुदे को तैयार करेगा। जोसेफ वू ने कहा, ‘ताइवान की सुरक्षा खुद हमारे हाथों में है और हम इसको लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। अगर चीन ताइवान के खिलाफ जंग शुरू करने जा रहा है तो हम अंतिम दम तक लड़ेंगे और यह हमारी प्रतिबद्धता है।’
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