चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड चारधाम देवस्थान प्रबंधन बोर्ड ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक यात्री को पहले देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। यहां सभी आवश्यक बिंदुओं पर जानकारी देने के पश्चात एक ऑटो जनरेटेड ई-पास जारी होगा। यात्रा के दौरान यात्री को इस पास और इसमें डाले गए फोटो परिचय पत्र और निवास प्रमाण पत्र को साथ रखना अनिवार्य होगा। इसी के आधार पर उन्हें यात्रा की अनुमति प्रदान करी जाएगी।
चारधाम यात्रा के लिए जारी मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में यह स्पष्ट किया गया है कि यह पास केवल धामों में दर्शन के लिए मान्य होगा। इसमें मंदिर के आसपास भ्रमण के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर किसी यात्री में कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो वह धामों की यात्रा न करे और ई-पास के लिए भी आवेदन न करे। यात्रा करने के बाद यह पास अवैध हो जाएगा। यात्रियों को यात्रा के दौरान 60 साल से अधिक आयु के लोगों और 10 साल से कम बच्चों से मुलाकात करने से परहेज करना होगा।
इस दौरान कोरोना के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना होगा। यात्रियों को अपने स्वास्थ्य और क्वारंटाइन अवधि के संबंध में पूरी जानकारी देनी होगी। एसओपी में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मंदिर समिति बिना किसी पूर्व सूचना के दिशा-निर्देशों को बदल सकती है। समिति किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश करने से भी रोक सकती है।
यात्रा के लिए ऐसे करें आवेदन
चारधाम देवस्थानम की वेबसाइट पर जाएं। वहीं, श्रद्धालु के रूप में स्वयं का पंजीकरण करें। सभी जरूरी बिंदुओं को भरने के बाद अपना फोटो प्रमाणपत्र और निवास प्रमाण पत्र अपलोड करें। यात्रा की तिथि चुनें। साथ जाने वाले यात्रियों का विवरण भरें। किसी धाम विशेष में विशेष पूजा के लिए इसी पोर्टल के जरिये अलग से जानकारी दें। हालांकि, बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि विशेष पूजा में किसी को उपस्थित होने की अनुमति नहीं होगी।