मुंबई के दादर कबूतरखाना में कबूतरों को दाना खिलाने पर पाबंदी के समर्थन में मराठी एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह मामला छह अगस्त को बीएमसी के तिरपाल हटाने के विरोध से जुड़ा है। बंबई हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने बीएमसी के आदेश पर रोक नहीं लगाई।
मुंबई के दादर इलाके के कबूतरखाना में बुधवार को कबूतरों को दाना खिलाने पर लगी पाबंदी के समर्थन में प्रदर्शन करने पहुंचे मराठी एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। संगठन के अध्यक्ष गोवर्धन देशमुख भी हिरासत में लिए गए। यह मामला छह अगस्त को हुए विवाद के बाद फिर से सुर्खियों में है।
जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 11 बजे कार्यकर्ता दादर के कबूतरखाना पहुंचे, जहां पहले से ही भारी पुलिस बल तैनात था। प्रदर्शन शुरू होते ही पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस वाहन में बैठा दिया। इस दौरान संगठन के अध्यक्ष देशमुख ने छह अगस्त को हुए विरोध प्रदर्शन पर कार्रवाई की मांग भी की।
विवाद की पृष्ठभूमि
छह अगस्त को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने बीएमसी द्वारा कबूतरों को दाना खिलाने से रोकने के लिए लगाए गए तिरपाल को हटा दिया था और पुलिस से भी झड़प हुई थी। इस घटना में जैन समुदाय की भूमिका को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, हालांकि महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने स्पष्ट किया था कि इसमें धार्मिक कोण नहीं है।
बीएमसी और अदालत के आदेश
बीएमसी ने 11 अगस्त को फिर से कबूतरखाना को प्लास्टिक शीट से ढक दिया। बंबई हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि उसने कबूतरखानों को बंद करने का आदेश नहीं दिया, लेकिन बीएमसी के बंद करने के फैसले पर रोक भी नहीं लगाई। अदालत ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों की सेहत प्राथमिकता है, इसलिए इस पर संतुलित निर्णय जरूरी है।
जैन समुदाय की आपत्ति और चेतावनी
जैन मुनि निलेशचंद्र विजय ने अदालत के आदेश का विरोध करते हुए 13 अगस्त से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो धर्म की रक्षा के लिए हथियार भी उठाए जाएंगे। वहीं, मराठी एकीकरण समिति ने कहा कि वे शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं और नियमों का उल्लंघन नहीं करेंगे।