कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने दुआरे सरकार (घर के दरवाजे पर सरकार) और दुआरे राशन (घर के दरवाजे पर राशन) जैसी अनूठी योजनाएं आरंभ की थी, जिससे सरकारी परियोजनाओं और राशन को घर-घर पहुंचाया जा सके. इसी तर्ज पर, ममता सरकार अब शराब की एक ई-रिटेल प्रणाली विकसित करने के बारे में विचार कर रही है, ताकि शराब को घरों में डिलीवर किया जा सके.

हालांकि, विपक्ष ने नए प्रस्ताव का दुआरे मोड़ (दरवाजे पर शराब) के रूप में मजाक बनाया है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार, दुआरे सरकार के तहत सरकारी योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाती है और उनकी शिकायतों का समाधान करती है. इस मामले में ममता बनर्जी की सरकार ने दुआरे सरकार से करोड़ों घर तक पहुंचने में कामयाब रही है.
राज्य के आबकारी विभाग के मुताबिक, शराब की ई-रिटेलिंग प्रणाली की प्रक्रिया पिछले साल अगस्त में आरंभ हुई, जब पश्चिम बंगाल राज्य पेय निगम (BEVCO) ने इच्छुक कंपनियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए और तदनुसार कई कंपनियों ने 25,000 रुपये की गारंटी राशि के साथ आवेदन किया। BEVCO की यह भी शर्त थी कि शराब की आपूर्ति सिर्फ 18 वर्ष से अधिक आयु के ग्राहकों को ही की जानी चाहिए.
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