आज से ही नही बल्कि आदि काल से स्त्री को माता लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है हमारे शास्त्रों में भी स्त्री को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। जिस घर में स्त्री रोज सुबह सोलह श्रंगार करती है वहां पर माता लक्ष्मी का वास होता है। दरअसल माता लक्ष्मी भी सोलह श्रंगार से सुशोभित रहती हैं। स्त्रीयों के सोलह श्रंगार में सबसे महत्वपूर्ण होती पायल। शास्त्रों के अनुसार बेटी के पैरों की पायल भी हमें धनवान बना सकती है। पायल का हमेशा चांदी रूप फायदेमंद होता है क्योंकि चांदी चंद्रमा की धातु होती हैं।
शास्त्रों के अनुसार जब घर की बेटी विदा होती है तब देवी लक्ष्मी भी हमारे घर से चली जाती है जिससे घर की आर्थिक स्थिति ख़राब हो जाती है। इसलिए इस संकट से बचने के लिए शास्त्रों में एक खास उपाय बताया गया है जिसे जान लीजिए।
जब बेटी का रिश्ता पक्का हो जाए तो तुरंत उसके पैरों में चांदी की पायल पहना दें और जब बेटी की विदाई हो रही हो उस समय उसके पैरों से पायल निकलवा कर एक पायल अपनी तिजोरी में रख लें और दूसरी पायल उसे दे दें। ऐसा करने से आप धनवान बने रहेंगे जिससे आपको धन से जुड़ी समस्या का सामना नही करना पड़ेगा।
चन्द्रमा मन का कारक माने जाने वाला गृह होता है। चांदी की पायल पहनने से किसी भी काम में मन लगा रहता है और साथ ही घर में खुशहाली का वातावरण बना रहता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में पायल की छन-छन सुनाई देती है उस घर में दिव्य शक्तियां सदैव विराजमान रहती हैं।