गोरखपुर जिले में अमृत सरोवर के लिए चिह्नित किए गए तालाबों से गंदा पानी निकालने की प्रक्रिया चल रही है। तालाबों में साफ पानी भरा जाएगा और इसके लिए वर्षा जल का उपयोग किया जाएगा। वर्षा जल संचित कर इन तालाबों को भरने की तैयारी है। जिले में अमृत सरोवर के लिए चयनित सबसे बड़ा तालाब गुलरिहा के पिछौरा ग्राम पंचायत में है। यह 16 एकड़ में फैला है।
विकसित किए जाने हैं 135 अमृत सरोवर: जिले में 135 अमृत सरोवर विकसित किए जाने हैं और 89 स्थानों का चयन कर लिया गया है। 37 स्थानों पर अमृत सरोवर विकसित करने का काम जारी है। जिन तालाबों का चयन किया गया है, उनमें पहले से पानी है लेकिन घरों से निकलने वाला गंदा पानी नालियों के सहारे इन तालाबों में गिरता है। गंदा पानी निकालने के लिए पंपसेट का सहारा लिया जा रहा है और तालाब में गिरने वाली नालियों को बंद किया जा रहा है।
पिपरौली के भिलौरा गांव का चयनित तालाब जलकुंभी से पटा पड़ा है। पंपसेट लगाकर पानी निकाला जा रहा और पोकलेन द्वारा जलकुंभी निकालने का काम भी जारी है। छोटी-छोटी कई नालियां इस तालाब में गिरती हैं, उसे बंद कर दिया गया है। वर्षा के दौरान नाले के सहारे पानी को तालाब तक पहुंचाने की योजना है। भटहट क्षेत्र के ग्राम पंचायत भैरवा के तालाब को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस तालाब पर करीब 13 लाख रुपये खर्च किए जाने हैं।
तालाब को साफ करने के लिए ली जा रही विशेषज्ञों की सलाह: मनरेगा के जरिए तालाब का बांध बनाने का काम जारी है। इसमें गिरने वाली नालियों को बंद करने की भी तैयारी है। यही हाल गोला क्षेत्र के ककरही एवं अहिरौली ग्राम पंचायतों में चयनित तालाबों का भी नजर आया। तालाब को साफ करने के लिए कुछ विशेषज्ञों से भी मदद ली जा रही है।
जनप्रतिनिधियों की सहमति से चिह्नित हुए तालाब: अमृत सरोवर के रूप में चयनित तालाबों को जनप्रतिनिधियों की सहमति से ही चिह्नित किया गया है। जिन तालाबों का काम शुरू हुआ है, वहां भूमि पूजन भी जनप्रतिनिधियों ने किया। कुछ स्थानों पर स्वतंत्रता सेनानी के परिवार के सदस्यों से भी भूमि पूजन कराया गया।
जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि अमृत सरोवर के लिए तालाबों को चयनित किया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों से ही भूमि पूजन कराने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधान इस कार्य में पूरा सहयोग कर रहे हैं। अभी तालाब की सफाई, बांध को ऊंचा करने एवं गंदा पानी निकालने का काम जारी है। वर्षा जल को संचित कर तालाब को भरा जाएगा।