उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो जुलाई की रात को आठ पुलिसवालों की हत्या करने का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे आखिर पकड़ा गया है.

मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर के पास पुलिस ने विकास को पकड़ा. विकास के गिरफ्त में आने के बाद उम्मीद है कि उसके जरिए अब अंदर की सभी बातें सामने आ सकती हैं.
गौरतलब है कि जब से विकास दुबे का मामला सामने आया है, तब से लेकर अब तक कई लोगों के नाम सामने आ चुके हैं, जो उसके साथ मिले हुए थे.
फिर चाहे कानपुर के चौबेपुर थाने के ही कई पुलिसवाले हो, या फिर जिन नेताओं का खुद विकास दुबे ने नाम लिया था. ऐसे में विकास दुबे किस तरह पूरा अपना कारोबार और दबदबा चलाता था, अब उससे पूछताछ में कई राज़ खुल सकते हैं.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इसी ओर इशारा किया है कि अब कई लोगों का भांडा फूट सकता है. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘खबर आ रही है कि ‘कानपुर-कांड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है.
अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.’
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की पुलिस ने पहले ही विकास दुबे का साथ देने वाले चौबेपुर थाने के निलंबित एसओ विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है, दोनों पर ही मुखबरी करने का आरोप है.
इसके अलावा विकास दुबे का एक पुराना वीडियो सामने आया था, जिसमें उसने भारतीय जनता पार्टी के दो विधायकों से संपर्क होने की बात कही थी. हालांकि, बीजेपी के विधायकों ने इस बात से नकार दिया था और विकास दुबे से किसी भी तरह का संपर्क ना होने की बात कही थी.
इसके अलावा विकास दुबे के फरार होने के बाद पुलिस ने करीब दो सौ पुलिसकर्मियों के फोन को सर्विलांस पर डाल दिया था और सारी डिटेल्स खंगाली जा रही थी.
ताकि, अगर कोई उससे संपर्क करता है तो पकड़ा जा सके. इसके अलावा अब जब विकास फरीदाबाद से मध्य प्रदेश पहुंच गया तो आरोप लग रहा है कि यहां भी उसकी किसी ने मदद ही की है.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal