गुजरात विधानसभा के मानसून सत्र का शुक्रवार को आखिरी दिन है, वीरवार को निजी स्कूलों की फीस को लेकर सदन में चर्चा के बावजूद इस मामले में कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं होने से नाराज अभिभावक एकता मंडल ने अहमदाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर शिक्षण शुल्क में 50 फीसदी कटौती की मांग की है। कांग्रेस विधायक इमरान खेडावाला ने विधानसभा में स्कूल फीस के मामले में सदन में मुद्दा उठाया था।
स्कूल संचालक मानने को तैयार नहीं
गुजरात उच्च न्यायालय ने गत दिनों राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह कहते हुए फीस के निर्धारण का मामला सरकार पर छोड़ दिया था कि शुल्क निर्धारित करने की पूरी सत्ता उसके पास है। इस मामले में न्यायालय को मध्यस्थता के लिए लाने का कोई औचित्य नहीं है। हाईकोर्ट का कहना था कि कोरोना महामारी के दौरान निजी स्कूल को कितनी फीस लेनी चाहिए यह स्कूल मालिकों व अभिभावकों के साथ बैठक कर तय किया जा सकता है। राज्य सरकार का कहना था कि निजी स्कूल संचालकों के साथ दो 15 व 20 अगस्त को दो बार बैठक कर शिक्षण शुल्क में 20 प्रतिशत की कमी लाने का निर्देश दिया था लेकिन स्कूल संचालक इसे मानने को तैयार नहीं है।
गुजरात निजी स्कूल संचालक एसोसिएशन का जवाब
गुजरात निजी स्कूल संचालक एसोसिएशन ने अपने जवाब में यह कहा था कि वे दस से लेकर सौ फीसदी तक शिक्षण शुल्क माफ करने को तैयार हैं लेकिन अभिभावकों की जरुरत के मुताबिक राहत देंगे। उनका कहना है कि कुछ अभिभावकों को ही आर्थिक तंगी है जबकि शेष अभिभावक शुल्क भरने में सक्षम है। गुजरात अभिभावक एकता मंच ने विधानसभा व शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक शुल्क निर्धारण का फैसला नहीं करने व स्कूल प्रशासन की ओर से अभिभावकों पर शुल्क भरने का लगातार दबाव बनाने से परेशान अभिभावकों ने शुक्रवार को अहमदाबाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
गुजरात विधानसभा की वीरवार की कार्यवाही में निजी स्कूल की फीस का मुद्दा सदन की कार्यवाही का हिस्सा था। कांग्रेस विधायक इमराना खेडावाला ने विधानसभा में महत्व का विषय बताते हुए इस पर सदन में चर्चा की मांग की थी लेकिन विधानसभा से इस मामले में कोई समाधान नहीं आने के बाद से अभिभावकों में नाराजगी है।